
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की पहल और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता के साथ कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब 25 जून, 2025 से प्रदेशभर में एक्टिव केस फाइंडिंग Active Case Finding (ACF) अभियान की शुरुआत की गई है. यह प्रदेशव्यापी अभियान 11 जुलाई, 2025 तक चलेगा, जिसका उद्देश्य टीबी के छिपे मामलों की पहचान करना है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव मती गायत्री राठौड़ ने बताया कि अभियान के तहत राज्य के सभी जिलों में PLHIV, डायबिटीज के रोगी, 60 वर्ष से अधिक आयु, कुपोषित व्यक्ति, धूम्रपान/शराब का सेवन करने वाले, प्रवासी श्रमिक, आदिवासी समुदाय, पूर्व टीबी रोगी, खनन/निर्माण स्थलों, जेलों व झुग्गी बस्तियों जैसे अति संवेदनशील समूहों की घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जाएगी.
जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस अभियान में 1.65 करोड़ से अधिक अति संवेदनशील जनसंख्या की टीबी लक्षणों के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि राज्य और जिला स्तर के सभी अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, ताकि अभियान की अधिकतम सफलता सुनिश्चित की जा सके.
आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर करेंगी लक्षणों की पूछताछ
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. पुरुषोत्तम सोनी ने बताया कि इस अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर संभावित लक्षणों की पूछताछ करेंगी. यदि किसी को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी, बुखार, वजन कम होना या भूख न लगना जैसे लक्षण हैं, तो उन्हें निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर टीबी की जांच करवाने की सलाह दी जाएगी. जांच में टीबी की पुष्टि होने पर निःशुल्क उपचार तुरंत शुरू किया जाएगा.
अभियान की होगी नियमित निगरानी
डॉ एस एन धौलपुरिया नोडल अधिकारी टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान ने बताया कि अभियान की निगरानी एवं रिपोर्टिंग निक्षय पोर्टल एवं एएनएम/आशा डिजिटल हेल्थ मोबाइल ऐप के माध्यम से की जा रही है. अभियान की प्रगति की प्रतिदिन निगरानी की जाएगी. चिकित्सा विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं. यह अभियान राज्य को टीबी मुक्त राजस्थान की ओर एक और मजबूत कदम है.
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