
Rajasthan Unemployment Allowance Scheme: राज्य सरकार की बेरोजगारी भत्ता योजना का लाभ लेने के लिए जिले में 100 से ज्यादा बेरोजगारों ने फर्जीवाड़ा कर डाला. जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच 138 बेरोजगारों (73 महिलाएं और 65 पुरुष) ने बिना इंटर्नशिप किए ही लाखों रुपए का भत्ता उठा लिया. उन बेरोजगार पोर्टल पर झूठी हाजिरी लगाकर लाखों रुपए का भत्ता उठा लिया. इस गड़बड़ी का खुलासा होते ही जिला रोजगार कार्यालय ने इनका भत्ता तत्काल प्रभाव से रोकते हुए रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
ऐसे पकड़ में आया घपला
जिला रोजगार अधिकारी खेताराम मेघवाल ने बताया कि विभाग ने जब इन बेरोजगारों द्वारा अपलोड की गई हाजिरी की ऑनलाइन जांच की तो कई संदिग्ध प्रविष्टियां मिलीं. संदेह होने पर संबंधित विभागों में आकस्मिक जांच की गई, जहां न तो कोई इंटर्नशिप कर रहा था और न ही कोई हाजिरी मौजूद थी. इससे यह स्पष्ट हुआ कि हाजिरी कार्ड पोर्टल पर फर्जी तरीके से अपलोड किए गए थे. फिलहाल जिले में करीब 5 हजार बेरोजगारों को भत्ता मिल रहा है. इसमें से करीब 3000 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है और अन्य की जांच जारी है.
कई अन्य मामले भी खुलने की भी संभावना
अधिकारियों का मानना है कि अभी और भी फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है. दरअसल, विभागीय कर्मचारियों को तब शक हुआ जब लगातार कई महीनों से 1 ही तारीख पर दर्जनों बेरोजगारों की हाजिरी एक साथ पोर्टल पर अपडेट की जा रही थी. संदेह होने पर जांच की गई तो बड़ी गड़बड़ी सामने आई.
लाखों रुपए की गड़बड़ी का अनुमान
अनुमानित तौर पर यह गड़बड़ी लाखों रुपए की हो सकती है. अब विभाग सभी संदिग्धों की जांच कर यह पता लगाएगा कि किसने कब से और कितनी राशि का फर्जीवाड़ा किया. उसके बाद अगर दोषी पाया जाता हे तो वसूली (रिकवरी) की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
अधिकारियों का कहना है कि सरकार की मंशा बेरोजगारों को सहयोग देने की है, लेकिन कुछ लोगों ने इस योजना को ही कमाई का जरिया बना लिया है. अब इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए हाजिरी वेरीफिकेशन प्रक्रिया को तकनीकी रूप से और सख्त करने की तैयारी में है.
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