
Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने पुराने जल स्रोतों को फिर से जीवंत करने के लिए वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान शुरू किया है. इसकी शुरुआत जयपुर के ऐतिहासिक रामगढ़ बांध से हुई.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुद श्रमदान कर इस अभियान को गति दी. उनका लक्ष्य है कि सूख चुके जल स्रोतों को पुनर्जनन कर भूजल स्तर को बढ़ाया जाए और स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचाया जाए.
1981 में हुई थी एशियाई नौकायन प्रतियोगिता
रामगढ़ बांध कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और उपयोगिता के लिए मशहूर था. यह 800 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैले गांवों और ढाणियों को पीने का पानी और किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराता था.
1981 में यहां आयोजित एशियाई नौकायन प्रतियोगिता ने इसे पर्यटन के नक्शे पर ला दिया था. लेकिन समय के साथ अतिक्रमण और उपेक्षा के कारण यह बांध कागजों तक सिमट गया. बांध के क्षेत्र में करीब 14 फीट मिट्टी जमा हो चुकी है, जिसने इसके मूल स्वरूप को नष्ट कर दिया.
स्थानीय लोगों में नई उम्मीद
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बचपन में यह बांध पानी से लबालब रहता था. इसके पानी से खेत हरे-भरे रहते थे. लेकिन बड़े फार्महाउस और भूमाफियाओं के अतिक्रमण ने बांध के बहाव क्षेत्र को बर्बाद कर दिया.
अब सरकार के इस अभियान से लोगों में उम्मीद जगी है. ग्रामीणों का मानना है कि बांध के पुनर्जनन से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
पहल से बढ़ेगा भूजल स्तर
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य पारंपरिक जल स्रोतों को उनके मूल रूप में लाना है. इससे भूजल स्तर बढ़ेगा और पर्यावरण को भी लाभ होगा.
रामगढ़ बांध से शुरू हुआ यह अभियान राजस्थान के अन्य सूखे बांधों के लिए भी प्रेरणा बनेगा. यह पहल न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक और सामाजिक विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगी.