
Rajasthan Politics: राजस्थान में बीते कुछ समय से कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह जगजाहिर रही है. कभी कांग्रेस के प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व में गुटबाजी ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचाई तो कभी स्थानीय कांग्रेस नेताओं में आपसी खींचतान का भी पार्टी के लिए मुश्किल हालात बनाने में योगदान रहा है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत की लड़ाई पर जयपुर से दिल्ली तक बहस हुई थी. 2023 का विधानसभा चुनाव हारने वाली कांग्रेस पार्टी 2028 के चुनाव में वापसी की कोशिश में लगी हुई है. इस बीच राजस्थान यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अभिमन्यु पुनिया ने 2028 के विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है.
पायलट में राजस्थान का भविष्य
दरअसल, प्रदेश यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया बुधवार को जयपुर से कोटा जा रहे थे. इस टोंक में मीडिया से बातचीत में पूनिया ने सचिन पायलट की तारीफ की और कहा कि 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई, जिसमें सचिन पायलट का बहुत बड़ा योगदान रहा है, चाहे वह 100 किमी की यात्रा करने का काम हो या फिर पार्टी में नौजवानों को मौका देना का काम हो. एनएसयूआई के साथियों को कांग्रेस में आगे लाने का काम हो. हर वर्ग सचिन पायलट को राजस्थान का भविष्य देखता है.
'अगर 2018 में सचिन पायलट मुख्यमंत्री होते...'
सचिन पायलट को प्रदेश का हर युवा मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहता है. अगर 2018 में सचिन पायलट मुख्यमंत्री होते तो राजस्थान में 2023 के चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी की भारी बहुमत के साथ सरकार आती. इसके बाद अभिमन्यु पूनिया ने आगे 2028 के विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि सचिन पायलट के नेतृत्व में राजस्थान में 150 से ज्यादा सीट कांग्रेस लेकर आएगी.
राज्य सरकार पर पूनिया का हमला
इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजस्थान के सीएम झालावाड़ नहीं जाते हैं, वहां पर बच्चों की मौत पर कुछ नहीं बोलते. झालावाड़ में 7 मासूम बच्चों की मौत हो जा रही है, लेकिन सरकार पूछ नहीं रही है. खानापूर्ति की जा रही है. नगर निकाय और पंचायत राज चुनाव को लेकर भी पलटवार करते हुए कहा कि सरकार चुनाव करवाना ही नहीं चाहती है.
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