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Viral Video: शिक्षक के विदाई समारोह में फूट-फूट कर रोए छात्र, नम आंखों से स्कूल न छोड़ने की जिद पर अड़े

राजसमंद के सेलागुड़ा गांव के सरकारी स्कूल में करीब 21 महीने से पढ़ा रहे एक शिक्षक के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान स्कूली बच्चों की आंखें नम नजर आईं.

Viral Video: शिक्षक के विदाई समारोह में फूट-फूट कर रोए छात्र, नम आंखों से स्कूल न छोड़ने की जिद पर अड़े
टीचर से लिपटकर रोते हुए बच्चे

Student teacher Viral Video: एक शिक्षक और छात्र का रिश्ता बेहद अनमोल होता है. वह छात्र के जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करता है. स्कूल से लेकर कॉलेज और भविष्य की प्रतियोगिताओं के लिए उसे तैयार करता है, ताकि एक दिन जब वह अपने करियर की ऊंचाइयों पर पहुंचे, तो उसे देखकर गर्व महसूस हो. लेकिन जब ऐसे शिक्षक की विदाई का समय आता है, तो छात्रों के आंसू थमने का नाम नहीं लेते. ऐसा ही एक भावुक दृश्य राजसमंद के सेलागुडा गांव के एक सरकारी स्कूल में देखने को मिला.

 चहेते टीचर की विदाई में भावुक हुए छात्र

दरअसल राजसमंद जिले की आमेट तहसील के सेलागुडा गांव के सरकारी स्कूल के मास्टर साहब का विदाई समारोह आयोजित किया गया था. जिसमें अध्यापक की विदाई पर स्कूल के बच्चों की आंखें आंसुओं से भरी दिखी. जिसका करण उनके चहेते टीचर का विद्यालय में आखिरी दिन था. 

छोटे-छोटे बच्चे फूट-फूट कर लगे रोने 

अपने चहेते टीचर के आखिरी दिन पर सेलागुड़ा गांव के सरकारी स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे  उनसे लिपटकर फूट-फूट कर रोने लगे. शिक्षक सवाई टेलर भी अपने प्यारे बच्चों को देखकर काफी  भावुक हो गए. शिक्षक और बच्चों के बीच इस अनोखे रिश्ते को देखकर वहां मौजूद अन्य शिक्षक, स्कूल स्टाफ, प्रधानाचार्य और यहां तक कि ग्रामीणों की भी आंखें नम हो गईं.

बालोतरा जिले में हुआ ट्रांसफर

सवाई राम टेलर टोंक के सेलागुड़ा आमेट सरकारी स्कूल में कार्यरत थे. उनका चयन तीसरी कक्षा से एमजीजीएस में हुआ है. इसके चलते उन्हें बालोतरा जिले के कड़वासरों की ढाणी स्थित स्कूल में पदस्थापित किया गया है. ऐसे में उनके जाने पर बच्चे भावुक हो गए और अपने प्रिय शिक्षक से स्कूल न छोड़ने की विनती करने लगे.

21 महीने से स्कूल में दे रहे थे सेवा

इस अवसर पर ढेलाणा स्कूल के प्रिंसिपल जगदीश नारायण मीणा ने बताया कि शिक्षक सवाई राम टेलर 21 महीने से यहां बच्चों को पढ़ा रहे थे. इस होनहार शिक्षक ने इन महीनों में बच्चों के दिल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी.  अपनी सर्विस के दौरान उन्होंने स्कूल के लिए अपना समय शत-प्रतिशत दिया. बच्चों की नम निगाहें उनके कार्यकाल की सफलता का सही आकलन बता सकती हैं. इतने कम समय में बच्चों के दिलों में इतना छा जाना वाकई काबिले तारीफ है.

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