
Ranthambore National Park: सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाईगर रिजर्व में लगातार बढ़ते बाघ-मानव संघर्ष को देखते हुए एनटीसीए ने प्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व में रणथंभौर के तीन बाघ छोड़ने की अनुमति दी है. ये तीनों टाईगर रणथंभौर की बाघिन ऐरोहेड टी-84 के युवा शावक हैं. ऐरोहेड की मादा शावक कनकटी उर्फ़ अन्वी को मुकंदरा टाइगर हिल्स रिजर्व शिफ्ट किया जाएगा. यह वही बाघिन है जिसने 16 अप्रैल को सात साल के कार्तिक सुमन और 11 मई को वन विभाग के रेंजर देवेंद्र चौधरी पर हमला मौत के घाट उतार दिया था.
बाघिन ऐरोहेड की दूसरी मादा शावक को रामगढ़ टाइगर रिजर्व और एक नर शावक को करौली-धौलपुर अभयारण्य में छोड़ा जाएगा. इस पर वन विभाग काम कर रहा है.
रणथंभौर में 82 बाघ-बाघिन और शावक
रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यहां लगभग 82 बाघ हैं, जो क्षेत्रफल के अनुपात में बहुत ज्यादा है. संख्या बढ़ने और दूसरे बाघों का दबाव बढ़ने व खुद के लिए विचरण क्षेत्र बनाने के चलते बाघ रणथंभौर नेशनल पार्क से बाहर निकलने लगे हैं. बाघों की बढ़ती संख्या के चलते रणथंभौर से बाघों को शिफ्ट किया जाना जरुरी हो गया है. इस सम्बन्ध में गत माह भी प्रस्ताव लिया था, लेकिन शिफ्टिंग की प्रक्रिया अटक गई.
मुकंदरा जाएगी “कनकटी”
वन विभागीय सूत्रों की मानें तो रणथंभौर में कनकटी के नाम से विख्यात बाघिन को मुकंदरा भेजा जाएगा. बाघिन की उम्र लगभग ढाई साल है. इसे अन्वी के नाम से भी रणथंभौर में जाना जाता है. यह एग्रेसिव बाघिन है. इसी बाघिन ने कुछ दिन पहले कैटल गार्ड पर भी हमला किया था.
गनीमत रही कि कैटल गार्ड बाबू के हाथ में मामूली खरोंच आई थी. यह बाघिन रिद्धि टी-124 के विचरण क्षेत्र में घुसकर उससे संघर्ष भी कर चुकी है. फिलहाल बाघिन रणथंभौर के भिड़ नाका एंक्लोजर में बंद हैं. इसे यहां से शिफ्ट कर मुकंदरा टाइगर रिजर्व के दरा में बने पांच हैक्टेयर के एनक्लोजर में छोड़ा जाएगा.
कनकटी की बहन रामगढ़ टाइगर रिजर्व और भाई करौली-धौलपुर अभयारण्य होगा शिफ्ट
इसके अलावा कनकटी की बहन को रामगढ़ टाइगर रिजर्व और भाई को करौली-धौलपुर अभ्यारण्य भेजा जाएगा. बाघिन टी-84 व उसके सब एडल्ट शावक अक्सर रणथंभौर दुर्ग व उसक आसपास के क्षेत्र में देखा गया है. बाघिन ऐरोहेड को विभाग द्वारा बेट दिया जाता रहा है. ऐसे में बाघिन के सब एडल्ट शावकों में इंसानों का भय खतम हो गया है.
रणथंभौर के फील्ड डायरेक्टर अनूप के आर का कहना है कि रणथंभौर से टाइगर शिफ्ट किए जाने की एनटीसीए से अनुमति मिल गई है. जल्द ही कुछ बाघों को अलग-अलग जगह भेजा जाएगा. इसे लेकर विभाग काम कर रहा है.
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