
Rajasthan News: बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कोर-1 में मंगलवार को रणथंभौर की युवा बाघिन को मेज नदी किनारे बने बजाल्या एनक्लोजर में शिफ्ट किया गया. बाघिन को दोपहर में रणथंभौर से ट्रेंकुलाइज कर रेडियो कॉलर लगाया और रामगढ़ में रिलीज कर दिया. बाघिन के व्यवहार व स्वास्थ्य की नियमित जांच के बाद इसे जल्दी ही खुले जंगल में छोड़ा जाएगा. वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी बाघिन और बाघ को बूंदी के रामगढ़ अभ्यारण में शिफ्ट किया जाएगा.
रामगढ़ में बाघों की संख्या 7 हुई
डीएफओ अरविंद झा ने बताया कि राज्य में चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में अस्तित्व में आए रामगढ में मंगलवार को बाघिन की शिफ्टिंग होने के साथ ही बूंदी के जंगलों में लंबे अरसे बाद बाघों की संख्या 7 तक पंहुच गई है. अब इस टाइगर रिजर्व में 3 नर व चार मादा बाघिन हो गई है. जिनमें एक जोड़ा वयस्क तो एक नर व तीन मादा युवा बाघ है. वहीं एक नर बाघ युवा होता शावक है.
2022 में मिला रामगढ़ विषधारी को टाइगर रिजर्व का दर्जा
बता दें कि 16 मई 2022 में रामगढ़ विषधारी को टाइगर रिजर्व का दर्जा हासिल हुआ. रणथंभौर का टी-115 खुद प्राकृतिक रूप से चलकर जून 2020 में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आया, जिसको यहां आरवीटी-1 के रूप में पहचान मिली. वहीं आरवीटी-2 बाघिन (रणथंभौर की टी-102) 16 जुलाई 2022 को रामगढ़ के शॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ी गई.
इसे 31 अगस्त 2022 को खुले जंगल में छोड़ा गया था, जिसका गत वर्ष कंकाल मिला था. इस बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया जिनमें से अभी दो मादा शावक अभयारण्य में अपनी टेरेटरी बना चुकी है, एक शावक जीवित नहीं रहा. आरवीटी-3 बाघिन (रणथंभौर की टी-119) अगस्त 2023 में रामगढ़ में छोड़ी गई.
इस बाघिन ने नर शावक को जन्म दिया जो करीब एक साल का हो चुका है. कोटा के अभेड़ा बायलोजिकल पार्क से रामगढ़ में रिवाईल्ड करने के लिए भेजा गया बाघ अभी तक शॉफ्ट एनक्लोजर में शिकार करना सीख रहा है और उम्मीद है कि जल्दी ही उसे जंगल में रिलीज किया जाएगा. सरिस्का टाइगर रिजर्व से हरियाणा पंहुचे बाघ को रामगढ़ में आरवीटी 4 के रूप में शिफ्ट किया गया जिसकी आरवीटी-1 से टेरेटरी फाइट में दुखद मौत हो गई.
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