
Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षा (RBSE 10th Exam 2024-25) देने वाले छात्र दिनेश मेघवाल को संस्कृत (Sanskrit) विषय में अनुपस्थित (Absent) घोषित कर दिया गया, जबकि उसने सभी विषयों की परीक्षा दी थी. इस गलती ने न केवल छात्र का भविष्य संकट में डाल दिया, बल्कि पूरे परिवार की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया.
छात्र का सपना टूट गया
दिनेश मेघवाल ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अंधड़ा में पढ़ाई की और दसवीं कक्षा की परीक्षा दी. उसकी मार्कशीट में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, सोशल साइंस और गणित में अच्छे अंक आए, लेकिन संस्कृत में उसे अनुपस्थित दर्शाया गया. इससे उसका परिणाम प्रभावित हो गया और उसका सपना टूट गया.
परिवार की उम्मीदें ध्वस्त
दिनेश के पिता मजदूरी करते हैं और पूरे परिवार को इस छात्र से उम्मीदें थीं. लेकिन जब परिणाम आया, तो संस्कृत में अनुपस्थित देख पूरा परिवार टूट गया. छात्र का कहना है कि उसका सपना 80-90% अंक लाने का था और वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ता है, लेकिन बोर्ड की लापरवाही ने उसके भविष्य को दांव पर लगा दिया.
'हो सकता है कॉपी गुम गई हो'
विद्यालय प्रशासन का कहना है कि हो सकता है कॉपी गुम हो गई हो या नंबर जुड़ने से रह गए हों. समाधान के लिए छात्र को अजमेर बोर्ड कार्यालय भेजा गया है. लेकिन छात्र और उसके परिवार के लिए यह राहत नहीं है, क्योंकि उनका भविष्य दांव पर लगा है.
बोर्ड की लापरवाही
यह पहली बार नहीं है जब बोर्ड परीक्षा में लापरवाही की घटनाएं सामने आई हैं. इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां छात्रों के भविष्य को बोर्ड की लापरवाही के कारण खतरा हुआ है.
RBSE सचिव ने कही जांच की बात
आरबीएसई सचिव कैलाश चंद शर्मा से जब NDTV राजस्थान ने इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा, 'प्रिंसिपल का भेजा हुआ लेटर हमें मिल गया है. इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. अगर जांच में कोई लापरवाही मिलती है तो संबंधित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'
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