Rajasthan News: राजस्थान के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सरकारी अस्पतालों की आपातकालीन सेवाओं और गहन चिकित्सा ईकाई (आईसीयू) में काम करने के लिए लौट आये हैं. राज्य सरकार ने अस्पतालों में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल कॉलेजों द्वारा समितियां गठित करने का आदेश दिया है.
OPD में काम का बहिष्कार रहेगा जारी
हालांकि, वे कोलकाता में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ चल रहे आंदोलन के प्रति एकजुटता दिखाते हुए OPD में काम का बहिष्कार जारी रखेंगे. जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) के अध्यक्ष डॉ. मनोहर सियोल ने बताया कि 'जनहित और राजस्थान सरकार द्वारा रेजिडेंट डॉक्टरों की मांगों पर किए गए समझौतों को ध्यान में रखते हुए हमने राज्य में आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू करने का फैसला किया है.'
कोलकाता की घटना को लेकर आंदोलन के समर्थन में रेजिडेंट डॉक्टरों ने 12 अगस्त को ओपीडी और वार्डों में काम का बहिष्कार करने की घोषणा की थी, लेकिन आवश्यक सेवाओं को इससे छूट दी गई थी. बाद में रेजिडेंट डॉक्टरों ने आंदोलन तेज कर दिया और आपातकालीन सेवाओं का भी बहिष्कार कर दिया था.
मांगों पर विचार के लिए बनेगी कमेटी
रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रतिनिधियों और स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बीच बुधवार को एक बैठक में मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया.
कई मुद्दों बनी सहमति
बैठक के बाद, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को एक आदेश जारी किया कि वे कॉलेज स्तर पर समितियां बनाएं, ताकि स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, जिसमें प्रवेश, निकास, गलियारे, अंधेरे वाले स्थान और संवेदनशील स्थानों सहित रणनीतिक स्थानों पर पर्याप्त संख्या में उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे, अच्छी तरह से प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड शामिल हैं.
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