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Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने टोंक डीएम को मिलाया फोन, कहा- 'बनास नदी में हुए हादसे की जांच करें, मुआवजे दें'

बनास नदी को जीवनदायनी कहा जाता है. लेकिन इस नदी में हो रहे बजरी के अंधाधुंध खनन से मौत के सैकड़ों गड्ढे बन चके हैं, जिस वजह से यहां घटनाएं होती हैं.

Rajasthan Politics: सचिन पायलट ने टोंक डीएम को मिलाया फोन, कहा- 'बनास नदी में हुए हादसे की जांच करें, मुआवजे दें'
सचिन पायलट ने बनास नदी में हुए हादसे पर टोंक डीएम से बातचीत की है.
X@SachinPilot

Rajasthan News: राजस्थान के टोंक जिले में मंगलवार दोपहर बनास नदी में बड़ा हादसा हुआ. जयपुर से पिकनिक मनाने आए 11 दोस्तों में से 8 की पानी में डूबने से मौत हो गई. बाकी तीन को बचा लिया गया. उनकी हालत स्थिर है. इस घटना के बाद राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम व टोंक विधायक सचिन पायलट ने जिला कलेक्टर से फोन पर बातचीत की. उन्होंने कलेक्टर को हादसे की जांच कराने व पीड़ित के परिवार को किसी योजना के तहत मुआवजा दिलाने की बात कही.

'जयपुर से टीम आकर करे जांच'

मीडिया से बातचीत में इसका खुलासा करते हुए सचिन पायलट ने कहा, 'यह काफी दुखद हादसा है. जान गंवाने वाले युवकों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इस प्रभावित पीड़ित परिजनों को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाए. उनकी फैमिली की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. मैंने कलेक्टर से उन्हें मदद दिलाने की बात कही है. मैं चाहता हूं जयपुर से एक टीम आए और इस पूरे इलाके की ड्रोन मैपिंग करे, ताकि पता चल सके कि कहां पानी गहरा है और कहां नहीं. अगर ऐसा होता है तो इस तरह का हादसा होने के चांस ना के बराबर हो जाएंगे.'

'एक दूसरे को बचाने में सभी डूबे'

वहीं, टोंक के पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने बताया, 'जयपुर से 11 युवक पिकनिक मनाने कच्चा बांध, पुराना बनास पुलिया के पास पहुंचे थे. कुछ युवक नदी में नहाने उतरे और गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे. उनके साथियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन हादसे का शिकार हो गए. सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिस व बचाव दल ने स्थानीय लोगों की मदद से युवकों को बाहर निकाला और अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने 8 युवकों को मृत घोषित कर दिया. मृतकों की पहचान नौशाद (35), कासिम (26), रिजवान (26), नवाब खान (28), साजिद (20), नक्कू (30), बल्लू और फरहान के रूप में हुई है. वे जयपुर के हसनपुरा, घाट गेट, पानीपेच और रामगंज इलाके के निवासी थे.'

बनास नदी में पहले भी हुए हादसे

बनास नदी को जीवनदायनी कहा जाता है. लेकिन इस नदी में हो रहे बजरी के अंधाधुंध खनन से मौत के सैकड़ों गड्ढे बन चके हैं, जिस वजह से यहां कल जैसी घटनाएं होती रहती हैं. इससे पहले बनास नदी में कासिर, भूतिया घाट, बीसलपुर बांध में बिहारी मछुआरों की मौत हो चुकी है. बनास नदी के नए और पुराने पुलों सहित दर्जनों जगह बने गड्ढों में डूबकर कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं. मंगलवार की घटना के बाद जलदाय मंत्री कन्हैयालाल से लेकर जिला कलेक्टर तक ने एक ठोस एक्शन प्लान की बात कही है. अब देखना यह होगा की भविष्य में ऐसी किसी दूसरी घटना की पुनरावर्ती न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?

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