Sanwaliya Seth Bhandar News: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित श्री सांवलिया सेठ (Shri Sanwalia Seth) जो मेवाड़ का सुप्रसिद्ध कृष्ण धाम है. इस मंदिर में हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर यह भंडार खोला जाता है. वहीं इस बार पिछले महीने के 30 नवंबर को राजभोग आरती के बाद मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी, मन्दिर मण्डल के अध्यक्ष और सदस्यों की मौजूदगी में भंडार खोला गया था. भंडार खुलने के बाद पहले ही दिन रिकॉर्ड तोड़ 11 करोड़ 34 लाख 75 हजार रुपए के नोटों की गिनती की गई.
दूसरे चरण में 3 करोड़ 60 लाख रुपए, तीसरे चरण में 4 करोड़ 27 लाख 80 हजार रुपए और चौथे चरण की दानराशि की गिनती में 2 करोड़ 73 लाख 90 हजार रुपए के नोटों की गिनती की गई. जिसके साथ ही कुल 6 चरणों में हुई नोटों की गिनती में करीब 35 करोड़ रुपए का चढ़ावा प्राप्त हुआ. मंदिर में खजाना खुलने के बाद श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ बहुत बढ़ जाती है. जिसके बाद नोटों को बोरों में भरकर कड़ी सुरक्षा में रखवाया गया है.
6 दिनों तक चली गिनती
श्री सांवलिया सेठ मन्दिर के दानपात्र की गिनती इस बार छः दिनों तक चली है. जिसमें 35 करोड़ रुपए के साथ दानपात्र और भंडार से ढ़ाई किलो सोना और 127 किलो से अधिक चांदी भी चढ़ावें में प्राप्त हुई है. इस बार दो माह में श्री साँवलिया सेठ का भंडार खोला गया. पिछली बार दीपावली के बाद खोले गए भंडार से 13 करोड़ 86 लाख रुपए चढ़ावें में आए थे. वहीं दीपावली के बाद खोले गए भंडार से 35 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई.
सितम्बर माह का था आखरी रिकॉर्ड
इससे पहले सितम्बर माह में जब मंदिर का भंडार खोला गया था तो दानपात्र से कुल 15 करोड़ 92 लाख 88 हजार 400 रुपए प्राप्त हुए थे. इसके अलावा सांवलिया सेठ के भक्तों ने ऑनलाइन और भेंट कक्ष में 3 करोड़ 52 लाख 55 हजार रुपए का चढ़ावा चढ़ाया था. भंडार और भेंट कक्ष से कुल 19 करोड़ 45 लाख 43 हजार 400 रुपए प्राप्त हुए थे.
भंडार में मिली 12 देशों की मुद्राएं
श्री सांवलिया सेठ के मन्दिर में नवंबर में अब तक का सबसे अधिक चढ़ावा आया हैं. इस बार मंदिर में भक्तों की संख्या इतनी अधिक थी कि यहां दो अतिरिक्त दान पेटियां लगाई गई. वहीं दानपात्र से 12 देशों से अधिक की विदेशी मुद्राएं भी निकली हैं. जिसकी भारतीय मुद्रा में करीबन 20 लाख रुपए कीमत बताई जा रही हैं. मंदिर का भंडार दीपावली पर दो माह में और होली के समय डेढ़ माह में खोला जाता हैं. बाकी माह में हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर यह भंडार खोला जाता हैं.
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