Alwar: अलवर के सरिस्का कोर एरिया में बसे गांव के विस्थापन की प्रक्रिया में तेजी आ रही है. अब नाथूसर गांव के 164 परिवारों ने सहमति दे दी है, जिसके बाद इन्हें तिजारा के मलियार जट गांव में बसाया जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि शीघ्र पूरी तरह विस्थापित हो जाएंगे. ग्रामीण खुद ही गांव को छोड़कर जाने के इच्छुक हो गए हैं और सहमति व्यक्त की है. इसी के साथ सरिस्का बाघ अभ्यारण में बसे गांवों को विस्थापित करने के लिए सरकार द्वारा दिए जाने वाला पैकेज का अवलोकन भी किया जा रहा है. डीएफओ अभिमन्यु सिंह ने बताया कि यह सभी 164 परिवार जमीन के मुआवजे पर जा रहे हैं, जहां इनको बसाया जाएगा. सरिस्का प्रशासन द्वारा बिजली-पानी के कनेक्शन दिए गए हैं और रोड भी बनाए गए हैं. जमीन को समतल किया गया है और साथ ही अन्य जो सुविधाएं होगी, वो भी दी जा रही हैं.
हर एक परिवार को मिलेगी 6 बीघा जमीन
दरअसल, पहले चरण में 5 गांव का विस्थापन किया जा चुका है और अब दूसरे चरण में 6 गांव हैं, जिनकी विस्थापन प्रक्रिया जारी है. 21 वर्ष से बड़े व्यक्ति को एक परिवार माना है और एक परिवार को 6 बीघा जमीन आवंटित की गई है. अब विस्थापित परिवारों को तिजारा के गिदावड़ रूंध में बसाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जहां 700 हेक्टेयर जमीन है. अभी फाइनल स्वीकृति नहीं मिली है, इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
मंत्री बोले- पिछली सरकार की वजह से विस्थापन में हुए देरी
राजस्थान सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने बताया कि पूर्व में राजस्थान सरकार द्वारा सरिस्का के गांव के विस्थापन के लिए पैकेज अच्छा दिया जा रहा था. लेकिन गत सरकार ने इस पैकेज को कम कर दिया. ऐसे में सरिस्का के जंगल में बसे ग्रामीण अपने घरों को छोड़ने के लिए सहमति व्यक्त नहीं कर रहे थे, इसी के चलते प्रक्रिया में देरी हुई. विभाग की कोशिश है कि उन्हें अच्छा पैकेज मिले और सहमति मिलने के बाद ही उनका विस्थापन किया जाए. शीघ्र ही पैकेज में बदलाव दिखेगा और विस्थापन पैकेज अच्छा होगा.
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