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SDM प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में अब होगी उच्च स्तरीय जांच, जोधपुर जांच कमेटी की रिपोर्ट में उठे कई सवाल

एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में अब जयपुर में 5 डॉक्टरों की कमेटी बनाई गई है जो उच्च स्तरीय जांच करेगी. इससे पहले जोधपुर जांच कमेटी की रिपोर्ट में कई सवाल खड़े हुए हैं.

SDM प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में अब होगी उच्च स्तरीय जांच, जोधपुर जांच कमेटी की रिपोर्ट में उठे कई सवाल

SDM Priyanka Bishnoi: राजस्थान के जोधपुर में एसडीएम प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट सामने आ गई है. प्रियंका बिश्नोई की मौत 18 सितंबर को हुई थी, जिसके बाद उनकी अचानक हुई मौत को लेकर कई सवाल खड़े किये गए थे. जोधपुर के निजी वसुंधरा अस्पताल में प्रियंका बिश्नोई का ऑपरेशन हुआ था. ऐसे में अस्पताल पर कार्रवाई को लेकर परिजन और समाज ने जांच की मांग की थी. इसके बाद जिलाधिकारी द्वारा 5 डॉक्टरों की टीम बनाकर जांच कमेटी बनाई गई. अब इस कमेटी की रिपोर्ट भी सामने आ गई है. वहीं रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने एक्शन लेते हुए उच्च स्तरीय जांच के लिए 5 डॉक्टरों की कमेटी का गठन किया गया है.

वहीं वसुंधरा अस्पताल पर लगाए गए आरोप को लेकर वसुंधरा हॉस्पिटल के निदेशक डॉ संजय मकवाना ने सभी आरोपों को खारिज किया था. डॉ. मकवाना ने कहा कि किसी तरह के एनेस्थीसिया और ब्लीडिंग की बात गलत है, प्रियंका का हमारे यहां ऑपरेशन सफल रहा था. उनकी तबियत अहमदाबाद ले जाने के दौरान बिगड़ी थी.

जांच कमेटी ने कहा विस्तृत जांच की जा सकती है

जांच कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल के रिकॉर्ड और उपस्थित डॉक्टरों, स्टाफ नर्स और मरीज के पति के बयानों को देखने के बाद समिति की राय है कि

प्रियंका बिश्नोई की मायोमा की टीसीआर के साथ हिस्टेरोस्कोपी + लैप्रोस्कोपी की गई. बाद में, मरीज को डीआईसी के साथ पोस्ट ऑपरेटिव सेप्सिस और एमओडीएस विकसित हुआ जिसके लिए उसे एंटीबायोटिक्स, रक्त घटक, वैसोप्रेसर्स और वेंटिलेटरी सपोर्ट दिया गया. मरीज की देखभाल और प्रबंधन को लेकर मरीज की देखभाल करने वाली नर्स और अस्पताल स्टाफ के बयानों में विरोधाभास है. इसलिए इसकी विस्तृत जांच की जरूरत है. इस प्रकार स्पष्टतः कोई जानबूझ कर की गई लापरवाही नहीं है. हालांकि, अटेंडेंट और स्टाफ के बयानों में असमानता के लिए विस्तृत जांच की जा सकती है.
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इसके साथ ही दस्तावेजों के अनुसार न्यूरोलॉजिस्ट की राय में कहा गया है, एक न्यूरोलॉजिस्ट की राय थी मरीज की चिड़चिड़ी और अस्त-व्यस्त स्थिति को देखते हुए उन्होंने सीटी ब्रेन की सलाह दी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सीटी ब्रेन न करने के कारण की और जांच की जानी चाहिए.

5 डॉक्टरों की टीम करेगी उच्च स्तरीय जांच

जोधपुर जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कई सवाल खड़े होने शुरू हो गए. ऐसे में अब सरकार एक्शन में दिख रही है. जोधपुर जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद अब पूरे मामले में जयपुर उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. इसमें 5 सीनियर डॉक्टरों को शामिल किया गया है. मेडिकल एजुकेशन आयुक्त इकबाल खान ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं.

पांच डॉक्टर को इस उच्च स्तरीय जांच में किया गया है शामिल. इसमें एसएमएस अस्पताल के तीन डॉक्टर को शामिल किया गया है. जबकि एम्स जोधपुर के दो डॉक्टर को शामिल किया गया है.

नई कमेटी में यह डॉक्टर हुए शामिल

SMS अस्पताल जयपुर के न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ अशोक गुप्ता 
SMS अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ आर के पूनिया 
SMS अस्पताल के रेडियोलोजी विभाग की सीनियर प्रोफेसर अनु भंडारी 
AIIMS जोधपुर की गायनी विभाग की एचओडी डॉ प्रतिभा सिंह 
AIIMS अस्पताल जोधपुर के एनस्थिसिया विभाग के हेड प्रदीप भाटिया

यह भी पढ़ेंः क्या होता है 'ब्रेन एन्यूरिज्म'? वो बीमारी जो बताई जा रही है SDM प्रियंका बिश्नोई की मौत की वजह

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