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Sikar Band: सीकर बंद का दिखा असर, सड़कों पर पसरा सन्नाटा..दुकानें बंद; चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल की तैनाती

Sikar Band Hai Kya Aaj: सीकर बंद के दौरान आवश्यक सेवाएं जैसे- मेडिकल स्टोर, अस्पताल, पेट्रोल पंप, खाद बीज, डेयरी आदि खुले हुए हैं.

Sikar Band: सीकर बंद का दिखा असर, सड़कों पर पसरा सन्नाटा..दुकानें बंद; चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल की तैनाती
बाजार में सभी दुकानें बंद हैं और सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिसबल को मौके पर तैनात किया गया है.

Rajasthan News: राजस्थान में सीकर 'संभाग' व नीमकाथाना 'जिला' बहाली की मांग को लेकर जनता ने हुंकार भर दी है. सीकर बार एसोसिएशन संघर्ष समिति के आह्वान पर आज सीकर बंद (Sikar Band) रखा गया है. सुबह से ही इसका असर दिख रहा है. दुकानें बंद हैं. सड़कों पर सन्नाटा पसरा है. चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल की तैनाती है. रैलियां निकाली जा रही हैं और नारेबाजी हो रही है.

लक्ष्मणगढ़ कस्बा 12 बजे तक बंद

सीकर बंद को करीब 36 व्यापारिक, राजनीतिक, सामाजिक, छात्र संगठन व श्रमिक संगठनों ने अपना समर्थन दिया है, जिसके चलते इसका बड़ा असर दिख रहा है. आज लक्ष्मणगढ़ कस्बा भी 12 बजे तक पूरी तरह से बंद रखने का फैसला लिया गया है. हालांकि बंद के दौरान आवश्यक सेवाएं जैसे- मेडिकल स्टोर, अस्पताल, पेट्रोल पंप, खाद बीज, डेयरी आदि खुले हुए हैं.

बंद वाली जगह पुलिस बल की तैनाती

सीकर बंद के दौरान जिले में कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलग-अलग स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. वहीं मोबाइल पार्टी, सिग्मा बाइक, कोबरा टीम, थाना अधिकारी सहित पुलिस लाइन का जाब्ता भी तैनात किया गया है.

कोचिंग इंस्टीट्यूट को भी बंद करवाया

सीकर बंद के दौरान जिला कलेक्ट्रेट स्थित धरना स्थल से वकीलों सहित बंद को समर्थन देने वाले विभिन्न संगठनों ने आक्रोश रैली भी निकाली. इस दौरान बाजार में खुली हुई कुछ दुकानों को बंद रखने की अपील की गई और उन्हें बंद करवा दिया गया. इसके साथ ही कई कोचिंग इंस्टीट्यूट सहित अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी बंद करवा दिया गया. रैली के दौरान सैकड़ों की संख्या में बंद समर्थकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला बहाल करने की मांग रखी.

100 दिन से चल रहा है धरना

दरअसल, पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार के समय सीकर को संभाग व नीमकाथाना को जिला बनाया गया था. हालांकि भजनलाल सरकार ने एक्सपर्ट्स की राय पर इस फैसले को बदल दिया. इस फैसले के खिलाफ बार एसोसिएशन के पदाधिकारी जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं और सीकर 'संभाग' और नीमकाथाना 'जिला' बहाली की मांग कर रहे हैं. आज उनके क्रमिक अनशन व धरने को 100 दिन पूरे हो गए हैं. लेकिन सरकार की ओर से मांग को लेकर कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई, जिससे आक्रोशित बार एसोसिएशन के पदाधिकारी सहित धरने को समर्थन देने वाले अन्य संगठनों की ओर से सीकर बंद किया गया है.

उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

सीकर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भागीरथ मल जाखड़ ने बताया, 'हम अपनी मांगों को लेकर जिला स्तरीय अधिकारी, जन प्रतिनिधि और राज्य सरकार के मंत्रियों सहित मुख्यमंत्री तक को मांग पत्र भेज चुके हैं. लेकिन आज तक सरकार से कोई सकारात्मक वार्ता नहीं हुई और ना ही इस संबंध में कोई घोषणा हुई. अपनी आवाज बुलंद करने के लिए आज सीकर बंद रखा गया है. अगर सरकार फिर भी सीकर संभाग और नीमकाथाना जिला बहाली के मांग नहीं मानती है तो आगे की रणनीति बनाकर आमजन को साथ लेकर उग्र आंदोलन कर सरकार को झुकाने का काम करेंगे.'

बंद को इन संगठनों ने दिया समर्थन

सीकर बंद को जिला कांग्रेस कमेटी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, कांग्रेस सेवादल, एनएसयूआई, एसएफआई, डीवाईएफआई, सीकर व्यापार संघ, अखिल भारतीय किसान सभा, राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, नगर पालिका धोद धोद, कांग्रेस सोशल मीडिया प्रकोष्ठ, ऑटो रिक्शा चालक यूनियन सीटू, सीकर जिला थड़ी हाथ ठेला मजदूर यूनियन, कांग्रेस किसान मोर्चा, महात्मा ज्योतिबा फुले जन जागृति विकास मंच, भीम सेना, डीएएसएफआई, सेन समाज सेवा समिति जेड वीर तेजा सेना सहित कई अन्य संगठनों ने भी समर्थन दिया है.

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