पूरा देश आज भाई-बहन के पवित्र रिश्तों का त्योहार राखी बड़े धूमधाम के साथ मना रहा है. वहीं,दूसरी ओर जिनके भाई जाने-अनजाने में अपराध के दलदल में फंसकर सलाखों के पीछे अपने जुर्म की सजा भुगत रहे हैं. उनकी बहनों के लिए आज का दिन दुख के पहाड़ सरीखा हो गया है. जेल की सलाखों में कैद ऐसे भाइयों की कलाई पर राखी बांधने जेल पहुंची, लेकिन भाईयों की कलाई पर राखी बांधने के बाद आंखों से छलकते अपने आंसुओं को नहीं रोक पाईं.
बहनों की सुविधा के लिए किया गया विशेष इंतजाम
राखी का त्योहार ऐसा है कि बहन-भाई भले ही कितनी भी दूर हों, इस त्योहार पर एक-दूसरे से मिले बिना नहीं रह सकते. ऐसे में भला जेल की सलाखें एक बहन को भाई के हाथों में राखी बांधने से भला रोक कैसे पाती. रक्षाबंधन के मौके पर बहनें सेंट्रल जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधने पहुंचीं. इस दौरान बहन-भाई दोनों की आंखें नम हो गई. जेल प्रशासन ने भी इस मौके पर खास इंतजाम किए हैं, ताकि बहनों-भाईयों को परेशानी न हो. कई बहनें तो अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए कोसों दूर से आई थीं.
किसी बहन को बिना राखी बांधे नहीं जाने देंगे- जेल अधीक्षक
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि जैसे ही हमें निर्देश प्राप्त हुए. हमने रक्षाबंधन को लेकर पूरे इंतजाम किए. उन्होंने कहा कि बहनें भाइयों को राखी बांध सकती हैं, लेकिन मिठाई देने पर प्रतिबंध लगाया गया है. हालांकि राखी बांधते समय बहन एक पीस मिठाई अपने भाई को खिला सकती है. इसके बाद मुलाकात कक्ष में उनकी मुलाकात कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि इस जेल प्रोटोकॉल का खास ध्यान रखा जा रहा है. सुबह से शाम तक जो भी महिला राखी बांधने आएगी, उसे राखी बांधने की इजाजत दी जाएगी.
आज पूरा देश रक्षाबंधन का त्योहार मना रहा है. हर बहन अपने भाई को राखी बांधने के लिए उतावली हुई जा रही है. आज सुबह से ही घरों में भाईयों की कलाई पर राखी बांधने का सिलसिला शुरू हो गया. सबसे पहले बहनों ने अपने भाई के माथे पर रोली का तिलक लगाया और चावल लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की. वहीं छोटे भाइयों ने अपनी बहनों को उपहार स्वरूप गिफ्ट भेंट किए और उनसे आशीर्वाद लिया. हालांकि देश के कुछ हिस्सों में बहनें रक्षाबंधन का त्योहार 30 और 31 अगस्त दोनों ने मना रहीं हैं.