South Asia Clean Energy Forum: जयपुर में मंगलवार को साउथ एशिया एनर्जी फोरम का आगाज हो गया है. यह 24 अक्टूबर तक चलेगा. कार्यक्रम में बढ़ते तापमान, ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरण के अनुकूल मूलभूत ढांचे की जरूरत जैसी चुनौतियों से निपटने के रास्तों पर चर्चा हुई. उद्घाटन सत्र के दौरान भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी सरकार दक्षिण एशिया के अक्षय ऊर्जा रूपांतरण का समर्थन करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है. दक्षिण एशिया ने खुद को अपनी चुनौतियों के लिए रचनात्मक समाधान तैयार करने वाले सबसे प्रभावशाली क्षेत्रों में से एक के रूप में स्थापित किया है.
राजस्थान के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रण
राजस्थान के ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों में तेजी से आर्थिक विकास को देखते हुए, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को प्राथमिकता देना समय की मांग है. जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने और नवीकरणीय ऊर्जा तक सार्वजनिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं. मुझे विश्वास है कि दक्षिण एशियाई स्वच्छ ऊर्जा फोरम में होने वाली चर्चा, भविष्य की ऊर्जा नीतियों को आकार देगी. इस फोरम के माध्यम से अमेरिका और अन्य देशों के मेहमानों को राजस्थान के ऊर्जा क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं.
आज के सत्र में अमेरिका और दक्षिण एशिया के नेताओं ने पूरे क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा की प्रगति में तेजी लाने के लिए तैयार की गई तीन नई पहल की घोषणा की. स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के अनुकूल शहरों पर अमेरिका-दक्षिण एशिया मेयरल प्लेटफॉर्म जो स्थानीय नेतृत्वकर्ताओं को नगर निकाय स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण का नेतृत्व करने के लिए सशक्त बनाता है. इसके अलावा अमेरिका-भारत लो कार्बन कम्फर्ट और कूलिंग कलेक्टिव का भी ऐलान किया गया, जिसका लक्ष्य 2030 तक सुपर-कुशल शीतलन प्रौद्योगिकियों के लिए एक बिलियन डॉलर जुटाना है.
स्वच्छ ऊर्जा निवेश सुविधा मंच की घोषणा
इसके अलावा स्वच्छ ऊर्जा निवेश सुविधा मंच की भी घोषणा की गयी. इसे निवेशकों को स्वच्छ ऊर्जा कंपनियों से जोड़ने और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण की कमी को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. दक्षिण एशिया क्षेत्रीय ऊर्जा भागीदारी (SAREP) के माध्यम से अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) द्वारा समर्थित इन पहलों का उद्देश्य क्षेत्र के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाना, सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना है.
साउथ एशिया क्लीन एनर्जी फोरम और आज घोषित नई पहल दरअसल जलवायु परिवर्तन से निपटने और दक्षिण एशिया में सतत आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए अमेरिकी सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं. नवाचार, सहयोग और निवेश को सुविधाजनक बनाकर अमेरिका दक्षिण एशियाई देशों और निजी क्षेत्रों के साथ इस क्षेत्र में अधिक स्वच्छ, अधिक सतत भविष्य का रास्ता साफ करने के लिए साझेदारी कर रहा है. स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण न सिर्फ उत्सर्जन को कम करेगा बल्कि ऊर्जा सुरक्षा में भी सुधार करेगा. साथ ही आर्थिक सशक्तिकरण के अवसर पैदा करेगा, जिससे वैश्विक जलवायु लक्ष्यों की दिशा में प्रगति होगी.