Udaipur News: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ मंदिर ,मण्डफिया की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में मंदिर से जुड़े कुछ अहम निर्णय लिए गए. इन फैसलों के बाद अब पुजारी मनमानी नहीं कर सकेंगे. वर्तमान में सोशल मीडिया पर प्रचारित की जा रही विभिन्न भ्रामक गतिविधियों तथा पुजारियों के माध्यम से सामाजिक, धार्मिक एवं व्यावसायिक आयोजनों में भगवान श्री सांवलिया सेठ की मूर्ति ले जाने पर रोक लगाने के लिए श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई.
सांवलियाजी की प्रतिमा का श्रृंगार नहीं बदलने के निर्देश
अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम ने बताया कि पुजारियों से अनुरोध किया गया है कि वे तीर्थयात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार रखें तथा इस संबंध में मंदिर प्रशासन का सहयोग करें.साथ ही निर्णय लिया गया कि यदि भविष्य में इस आदेश का उल्लंघन किया गया तो मंदिर मंडल के जरिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही पुजारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भगवान श्री सांवलिया सेठ की छवि में किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन या सजावट नहीं करें. भगवान की पोशाक मंदिर मंडल के माध्यम से प्रतिदिन उपलब्ध कराई जाएगी तथा निर्णय लिया गया कि मंदिर पुजारी किसी भी तीर्थयात्री से पोशाक अपने स्तर पर प्राप्त कर उसे धारण नहीं करवाएंगे.
यह रहे मौजूद
बैठक में सदस्य श्री सांवलिया जी मंदिर मंडल श्री लाल पाटीदार, ममतेश शर्मा, अशोक शर्मा, शंभू सुथार, संजय मंडोवरा एवं प्रमुख पुजारी द्वारका दास, अन्य पुजारी, शिवशंकर पारीक, प्रशासनिक अधिकारी-प्रथम, नंदकिशोर टेलर, प्रशासनिक अधिकारी-द्वितीय, भैरू गिरी गोस्वामी, सुरक्षा अधिकारी राजेंद्र शर्मा, प्रभारी, मंदिर व्यवस्था एवं मंदिर मंडल के अन्य अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे.
करोड़ों रुपए का चढ़ता है चढ़ावा
गुजरात के अक्षर धाम मंदिर की तरह ही चित्तौड़गढ़ के मंडफिया में श्री सांवलिया सेठ का भव्य मंदिर बना है. यहां हर रोज हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. यहां हर महीने खुलने वाले दानपात्र में करोड़ों रुपए का दान आता है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर मंडल की ओर से कई प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं.
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