Rajasthan News: राजस्थान में चूरू जिले के तारानगर तहसील की महंत सुनीता किन्नर (Sunita Kinnar) ने कस्बे के वार्ड में रहने वाली दलित समाज की गरीब बिना बाप-भाई की बेटी अंजना का भात भर सामाजिकता की मिशाल पेश की है. सुनीता समय-समय पर सामाजिक कार्य करती रहती हैं. अब तक वे गरीब व जरूरतमदों के 7 छुछक व भात भर चुकी हैं. सुनीता किन्नर ने बताया, 'हमें सूचना मिली की कस्बे की बेटी अंजना के भाई व पिता नहीं हैं. तथा वह गरीब हैं. तो भात भरने व गरीब परिवार की बेटी अंजना के पीले हाथ करने में सहयोग करने गाजे-बाजे के साथ भाई बनकर भात भरने उनके घर पहुंच गई.'
7 सोने व 21 चांदी के आभूषण
इस दौरान महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाए गए और बेटी अंजना को आशीर्वाद दिया. सुनीता की ओर से 21 हजार नगद रुपये और एक लाख के सोने-चांदी के आभूषण दिए गए. उन्होंने बताया कि भात में सात सोने व 21 चांदी के आभूषण सहित अनेक घरेलू सामान दिया गया. भात में सुनीता के साथ उनकी टीम के सदस्य भी मौजूद रहे. इससे पहले भी सुनीता किन्नर ने रावतसर की बिना मां-बाप की बेटी काजल, नेठवा की सुमन, राजपुरा की पिंकी, सिधमुख की ललिता, राजगढ़ की एक बेटी की शादी, भात व छुछक की रस्म अदा कर चुकी हैं.
'मेरा कुछ नहीं, सब समाज का'
सुनीता कहती हैं, 'मैंने समाज से ही लिया है और समाज को ही देने का काम कर रही हूं. मेरा कुछ भी नहीं है. सब समाज का ही है. आगे भी मैं इसी प्रकार से जरूरतमंद परिवारों के लिए काम करती रहूंगी. मुझे खुशी है कि मैं जरूरतमंद की सहायता कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं. मुझे इतनी खुशी हो रही है जिन्हें मैं शब्दों में बया नहीं कर पा रही हूं. सुनीता बाई द्वारा किए गए आर्थिक सहयोग को देखकर लगता है कि सभ्य समाज में उपेक्षित किन्नर भी कभी ऐसा काम कर जाते हैं जो उन्हें महान बना देता है.
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