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Rajasthan: 'अपनी शादी करूं या बहन की...', सवाल पूछने के 13 दिन बाद रेलवे ट्रैक पर मिली ट्रेनी दरोगा की लाश

राजस्थान के दौसा में ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र सैनी की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई. हाल ही में रद्द हुई SI भर्ती परीक्षा से वे तनाव में थे. मौत से 13 दिन पहले की WhatsApp चैट से बड़ा खुलासा हुआ है.

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पढ़ाई, बहन की शादी और पिता की बीमारी... क्या है ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर की मौत की असली वजह?

Rajasthan News: राजस्थान सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 के एक ट्रेनी दरोगा राजेंद्र सैनी की दौसा में मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई. सोमवार रात करीब 9:30 बजे हुई यह घटना जड़ाव फाटक के पास हुई. पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है कि यह आत्महत्या है या एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा. हालांकि, राजेंद्र के साथियों के साथ की गई एक भावुक चैट से पता चलता है कि वे लंबे समय से मानसिक तनाव से जूझ रहे थे.

कौन थे राजेंद्र सैनी?

30 वर्षीय राजेंद्र सैनी भरतपुर के बलवंतगढ़, भुसावर के रहने वाले थे. वे धौलपुर पुलिस लाइन में ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे. लेकिन हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द किए जाने से वे काफी निराश थे. इस फैसले को बाद में चुनौती दी गई, जिस पर फिलहाल स्टे है, लेकिन परीक्षा में सफल हुए कई युवाओं की तरह राजेंद्र भी अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में थे.

पुलिस जांच में सामने आया है कि राजेंद्र सैनी दौसा में एक कमरा किराए पर लेकर EO भर्ती परीक्षा की तैयारी भी कर रहे थे. 

वॉट्सऐप चैट से हुआ बड़ा खुलासा

इसी बीच, उनकी एक वॉट्सऐप चैट सामने आई है, जो उन्होंने अपनी मौत से 13 दिन पहले अपने ट्रेनी साथियों के ग्रुप में भेजी थी. इस चैट में राजेंद्र ने अपनी व्यक्तिगत और पारिवारिक परेशानियों का जिक्र किया था. उन्होंने लिखा था, 'मेरी उम्र 30 वर्ष हो गई है और मेरी सिस्टर मुझसे 3 साल छोटी है. अभी शादी भी नहीं की है, यह सोचकर कि सर्विस के बाद कर लेंगे. मैं मेरी शादी करूं या सिस्टर की या आगे पढ़ाई करूं कुछ समझ नहीं आ रहा. पापा की तबीयत भी खराब है, कब स्वर्ग सिधार जाएं पता नहीं.' उनकी इस पोस्ट पर कई दोस्तों ने उन्हें ढांढस बंधाया था, लेकिन राजेंद्र ने किसी का जवाब नहीं दिया.

मोबाइल सिम कार्ड से हुई पहचान

मालगाड़ी के चालक ने सबसे पहले इस घटना की सूचना दौसा रेलवे स्टेशन अधीक्षक को दी, जिसके बाद आरपीएफ ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया. राजेंद्र की पहचान उनके मोबाइल सिम के जरिए हुई. देर रात उनके परिवार को सूचित किया गया, जो दौसा जिला अस्पताल पहुंचे. मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा. बांदीकुई जीआरपी इस मामले की गहनता से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि राजेंद्र की मौत किन परिस्थितियों में हुई. राजेंद्र की असमय मौत से उनके परिवार, दोस्त और पुलिस विभाग सदमे में हैं.

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