
कहते हैं मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है और मेहनत में अगर शिद्दत और एकाग्रता शामिल हो जाए, तो उसका मीठा फल जरुर मिलता है. ऐसा ही एक कहानी डीडवाना जिले की है, जहां चाय की थड़ी चलाने वाले एक व्यक्ति ने अपनी दो बेटियों को सरकारी नौकरी में भेजने का सपना देखा और खूब मेहनत कर बेटियों की अच्छी स्कूली शिक्षा दिलाई. दोनों बेटियों ने एक साथ सरकारी नौकरी हासिल कर पिता के सपने को पूरा कर दिखाया है.
रिपोर्ट के मुताबिक डीडवाना के बस स्टैंड पर चाय की थड़ी लगाने वाले यशपाल पारीक ने दोनों बेटियों को पढ़ाने में बहुत मुश्किलों का सामना किया, लेकिन अपनी गरीबी का असर बेटियों की पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया. बेटियों ने अब एक साथ सरकारी में हासिल कर पिता की मेहनत को सफल बना दिया है.
यशपाल पारीक की बड़ी बेटी वर्षा पारीक का चार महीने पूर्व ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नियुक्ति हो चुकी है, जबकि दूसरी बेटी पूजा पारीक ने बुधवार को डीडवाना न्यायालय में लिपिक के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया. दोनों बेटियों के सरकारी नौकरी में चयन होने पर पूरा परिवार प्रसन्न है. बुधवार को छोटी बेटी पूजा पारीक ने न्यायालय में लिपिक पद पर ज्वाइन किया। इस मौके पूजा के माता-पिता सहित पूरा परिवार कोर्ट परिसर पहुंच गया.
पूजा पारीक के न्यायालय में बतौर लिपिक ज्वाइन करने के बाद परिवार के लोगों ने सभी को मिठाइयां खिलाकर मुंह मीठा करवाया। इस अवसर पर यशपाल पारीक की बेटियों ने कहा कि उनकी सफलता का प्रथम श्रेय माता-पिता को है, जिन्होंने दोनों बहनों को न केवल उच्च शिक्षा दिलवाई, बल्कि कामयाबी के लिए लगातार प्रोत्साहित किया। इसके अलावा उनके कोचिंग के सहयोगियों ने भी दोनों को प्रोत्साहन और सहयोग दिया, जिसकी बदौलत दोनों बहनों का सरकारी नौकरी में चयन हो पाया.