राजस्थान में तीज की सवारी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. शनिवार को जयपुर में तीज माता की सवारी निकाली गई. जिसमें देश-विदेश से पर्यटक विशेष तौर पर जयपुर में तीज माता की सवारी को देखने के लिए आते हैं. इस त्यौहार पर सभी महिलाएं शिव पार्वती की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली की दुआ मांगती हैं.
इस दौरान तीज माता की शाही सवारी में हाथी, घोड़े, तोपगाड़ी, बग्गियां और ऊंटों का पूरा काफिला जब पुराने जयपुर के रास्ते में निकला तो हर तरफ समां बंध गया. तीज माता की शाही सवारी के दौरान शहर के मशहूर बैण्ड वादकों ने खूबसूरत प्रस्तुतियां दीं.
जयपुर के अलावा बूंदी और धौलपुर में तीज माता की सवारी शानो-शौक़त से निकाली गई. धौलपुर जिले के राजाखेड़ा बाईपास पर महिलाओं ने हरियाली तीज का त्यौहार धूमधाम व उल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान महिलाओं ने सज धजकर झूला झुला और सावन के गीत एवं मल्हार गाई . साथ ही एक दूसरे को हरियाली तीज की शुभकामनाएं एवं बधाई दी. इस दौरान महिलाएं काफी उत्साहित नजर आई और डीजे की धुन पर थिरकती नजर आई.
महिलाओं द्वारा झूला झूल कर मेघ मल्हार गाए, सावन के गीतों पर सभी सखियों ने नृत्य किया और कबड्डी, रस्सी, रुमाल दुपट्टा जैसे खेलों का आनंद लिया. क्या बच्चे क्या जवान और क्या बूढ़े सब तीज के रंग में रंग गए साथ ही सुहाग चिन्ह मेहंदी, चूड़ी, कंगन, बिंदी वितरित कर हरियाली तीज मनाई गई.
बूंदी में हरियाली तीज पर्व शनिवार शाम शहर के केसरी दौलत में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. बरसों से चली आ रही परंपराओं के अनुरूप इस वर्ष भी हरियाली तीज जिसे बूंदी में छोटी तीज के नाम से जाना जाता है
तीज के दिन स्त्रियां सोलह श्रृंगार करती हैं, जिनमें हरी साड़ी और हरी चूड़ियों का विशेष महत्व है. दिन-भर स्त्रियां तीज के गीत गाती हैं और नाचती हैं. हरियाली तीज पर झूला झूलने का भी विधान हैं. स्त्रियां अपनी सहेलियों के साथ झूला झूलती हैं. कई जगह पति के साथ झूला झूलने की भी परंपरा है. नई-नवेली दुल्हन अपने मायके जाकर भी झूला झूलती हैं और सखियों से अपने पिया और उनके प्रेम की बातें करती है.
केसरी दौलत में महिलाओं द्वारा अनूठे अंदाज से मनाया गया. जिसमें महिलाओं द्वारा तीज माता का भव्य श्रृंगार कर उनकी पूजा अर्चना की गई. उसके पश्चात शाही अंदाज में तीज माता को पालकी में बिठाकर गाजे-बाजे एवं ढोल नगाड़ों व शहनाई वादन के साथ परिसर में शोभा यात्रा निकाली गई. फाउंडेशन की सभी महिला सदस्यों के अलावा बूंदी की हर वर्ग की महिलाएं इस आयोजन में शामिल हुईं.