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NCRB 2022: इन राज्यों में शत्रुता को बढ़ावा देने वाले अपराधों की संख्या में हुआ इजाफा, डेटा में खुलासा

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में नौ राज्यों ने भादंस की धारा 153ए के तहत 100 से अधिक मामले दर्ज किए, जबकि 2021 में केवल दो राज्यों- आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ऐसे मामले तीन अंकों में दर्ज किए गए थे, जबकि पिछले साल इस धारा के तहत 1,523 मामले दर्ज किए गए थे

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NCRB 2022: इन राज्यों में शत्रुता को बढ़ावा देने वाले अपराधों की संख्या में हुआ इजाफा, डेटा में खुलासा
प्रतीकात्मक तस्वीर

वर्ष 2022 में समूहों के बीच शत्रुता बढ़ाने के तहत पूरे देश में 1,500 से अधिक मामले दर्ज किए गए, जो कि वर्ष 2021 की तुलना में 31.25 प्रतिशत अधिक हैं. हालांकि ताजा आकंड़ा 2020 की तुलना में 15.57 प्रतिशत कम हैं. यह खुलासा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों से हुआ है.

नफरत भरे भाषण के अपराधों समेत अन्य कृत्यों से विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले आरोपी को भारतीय दंड संहिता (भादंस) की धारा 153ए के तहत सजा का प्रावधान है.

9 राज्यों ने 153ए के तहत 100 से अधिक मामले दर्ज किए

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2022 में नौ राज्यों ने भादंस की धारा 153ए के तहत 100 से अधिक मामले दर्ज किए, जबकि 2021 में केवल दो राज्यों- आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ऐसे मामले तीन अंकों में दर्ज किए गए थे, जबकि पिछले साल इस धारा के तहत 1,523 मामले दर्ज किए गए थे, इनमें उत्तर प्रदेश के 217, राजस्थान के 191, महाराष्ट्र के 178, तमिलनाडु के 146, तेलंगाना के 119, आंध्र प्रदेश के 109 और मध्य प्रदेश के 108 मामले शामिल हैं.

2022 में मध्य प्रदेश में ऐसे अपराधों की संख्या बढ़कर हुई तिगुनी

एनसीआरबी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में मध्य प्रदेश में ऐसे अपराधों की संख्या लगभग तीन गुना होकर 108 पर पहुंच गई, लेकिन 2021 में यह संख्या 38 थी. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 2020 में ऐसे 73 मामले दर्ज किए गए थे. आंकड़ों के अनुसार, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश दोनों ने 2021 में धारा 153ए के तहत 108 अपराध दर्ज किए थे.

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र  और राजस्थान में दोगुने बढ़े ऐसे अपरोध

कुछ राज्यों में तो आंकड़े 2021 की तुलना में 2022 में बढ़कर दोगुने से भी ज्यादा हो गए, जिनमें उत्तर प्रदेश (217 और 108), महाराष्ट्र (178 और 75), राजस्थान (191 और 83) और गुजरात (40 और 11) शामिल हैं. 

साल 2022 में असम में यह आंकड़ा 75 से घटकर 44 हुआ

एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार, असम ने 2020 में धारा 153ए के तहत 147 अपराधिक मामले दर्ज किए थे, लेकिन 2021 में इस तरह के 75 मामले दर्ज किए गए और पिछले साल यह आंकड़ा घटकर 44 हो गया.

सबसे कम अपराध दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में दर्ज हुए

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 2022 में 26, 2021 में 17 और 2020 में 36 ऐसे मामले दर्ज किए गए। जम्मू और कश्मीर में 2022 में 16, 2021 में 28 और 2020 में 22 ऐसे अपराध हुए.

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