![जोधपुर में किराए के मकान में चल रहे कोर्ट में हुई चोरी, एनआई एक्ट केसेज कोर्ट का ताला तोड़ा जोधपुर में किराए के मकान में चल रहे कोर्ट में हुई चोरी, एनआई एक्ट केसेज कोर्ट का ताला तोड़ा](https://c.ndtvimg.com/2024-02/48m35ss_jodhpur-ni-act-cases-court_625x300_12_February_24.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Jodhpur Court Theft: राजस्थान के जोधपुर में चोरी का बड़ा मामला सामने आया है. जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में चोरों के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं. शहर में एक के बाद एक चोरी के मामले सामने आ रहे हैं. चोर जहां सूने मकान और मंदिरों को निशाना बना रहे हैं. अब चोरों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि चोरों ने एनआई एक्ट केसेज कोर्ट (NI Act Cases Court) का ही तोड़ कर चोरी कर डाला. चोरों ने कोर्ट संख्या 1 से 7 तक सभी कोर्ट के ताले तोड़ डाले. चोरों ने कोर्ट में अलमारी के भी ताले तोड़ दिए. फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं हो पाई है कि चोर कितनी फाइले चुरा कर ले गए.
फिलहाल महामंदिर थाने में मामला दर्ज करवाया गया है. अब महामंदिर थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है. इस घटना के बाद अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश नजर आया. बता दें, एनआई एक्ट केसेज कोर्ट एक किराए के मकान में चल रहा है. जबकि अब सभी कोर्ट को एक साथ चलाने की मांग की जा रही है.
एनआई एक्ट केसेज कोर्ट में होते हैं Cheque Bounce के मामले
एनआई एक्ट केसेज कोर्ट में Cheque Bounce के मामलों से जुड़े दस्तावेज होते हैं, जिनके दस्तावेज ओरिजनल होते हैं. ऐसे में अगर इन दस्तावेजों की चोरी हुई तो उस केस के साक्ष्य चले जाएंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि केस से जुड़े लोगों ने ही कोर्ट में चोरी की वारदात को अंजाम दिया है. फिलहाल पुलिस जांच कर रही है.
अधिवक्ताओं का कहना है कि आर्थिक अपराध से जुड़े मामले की सुनवाई इन कोर्ट में होती है. ऐसे में सभी मूल दस्तावेज फाइल में पेश किए जाते हैं. परिवारों के चेक भी फाइल में रहते हैं. यदि वह चोरी हो गए तो यह बहुत बड़ी घटना है. अधिवक्ताओं ने इस मौके पर सभी कोर्ट को एक साथ संचालित करने की मांग को दोहराया.
शहर में जिस तरह से अभय कमांड सेंटर के कैमरे लगे होने के बावजूद इस तरह की घटनाएं होना, और उसके बाद पुलिस के हाथ खाली रहना. कई सवाल खड़े करते हैं और पुलिस की रात्रि कालीन गश्त पर भी सवाल खड़े होते हैं. वही किराए के भवन में चलने वाली कोर्ट को लेकर वकीलों ने कई बार अधीनस्थ न्यायालय के साथ संचालित करने की मांग भी की थी. लेकिन अभी भी किराए के भवन में कई अदालते चल रही है.