
Balotara: राजस्थान मे बालोतरा ज़िले के अराबा पुरोहितान गांव में हर साल की तरह इस साल भी काला पानी भर गया. कल्याणपुर पंचायत समित ने सोमवार, 28 जुलाई को फौरन गांव के लोगों को घर छोड़ देने की चेतावनी दी क्योंकि ये पानी ज़हरीला था. एक रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद गांव के 50 घरों में रहनेवाले लगभग 300 लोगों ने गांव छोड़ दिया. वो अपना सारा ज़रूरी सामान लेकर सरकारी भवनों और दूर के सूखे खेतों या मैदानों में चले गए. इससे ऐसे परिवार के लोगों को ज़्यादा मुश्किल उठानी पड़ी जिनके यहां बुज़ुर्ग और बच्चे हैं. लेकिन ये सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं है. यहां के कई गांवों में हर साल काला पानी भर जाता है. हालांकि यह समस्या डेढ़ दशक पुरानी है.
अराबा पुरोहितान गांव के लोगों का कहना है कि ये समस्या लगभग 15 साल पुरानी है. हर साल बारिश के मौसम में पानी के साथ बहकर जहरीला केमिकल गांवों में चला आता है.

स्कूल और सरकारी भवनों के आगे जमा काला पानी
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कहां से आता है ज़हरीला पानी
गांव के लोग बताते हैं कि ये केमिकल जोधपुर में स्थित कपड़ा मिलों के कचरे से आता है. मुख्य रूप से उन मिलों से नुक़सान होता है जो जोजारी नदी के साथ लगी हैं.
गांव के लोग आरोप लगाते हैं कि ये टेक्स्टाइल फैक्ट्रियां ग़ैरक़ानूनी हैं. ये फैक्ट्रियां जोजारी नदी में केमिकल बहा देती हैं और वो ऐसा स्थानीय अधिकारियों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मिलीभगत से करती हैं. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि जोजारी नदी का प्रवाह अराबा गांव के बाद खेतों में मोड़ दिया गया है. इससे बारिश के मौसम में नदी का प्रदूषित जल गांवों में चला जाता है और उन्हें हर बार भागना पड़ता है.

बच्चों को ज़हरीले पानी से होते हुए स्कूल जाना पड़ता है
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खेतों पर पड़ रहा असर
ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों को इस समस्या के बारे में बताया जाता रहा है. लेकिन इसके बावजूद दूषित पानी को दूसरी जगह ले जाने के लिए ड्रेनेज की कोई व्यवस्था नहीं की गई.
पिछले साल अराबा दुदावाता गांव में भी ऐसा ही हुआ था और कई घरों में पानी भर गया था. इसके अलावा कल्याणपुर, डोली, चारलाई और सरवदी गांवों में भी इसी तरह पानी भर जाता है. गांव के लोगों का कहना है कि यह रासायनिक पानी अब खेती, पेयजल और पशुओं तक को प्रभावित कर रहा है.
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