Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शनिवार को उदयपुर हिंसा मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए चाकूबाजी करने वाले 10वीं कक्षा के छात्र के मकान पर बुलडोजर चलवा दिया. ये कार्रवाई उदयपुर विकास प्राधिकरण की उस जांच के बाद की गई है, जिसमें आरोपी छात्र का मकान अवैध तरीके से वन भूमि पर बनाए जाने का खुलासा हुआ था. इस संबंध में 24 घंटे पहले ही क्षेत्रीय वन विभाग ने नोटिस जारी किया था और परिवार को 20 तारीख तक मकान खाली करने के लिए कहा था.
दो जेसीबी से तोड़ा गया मकान
मगर, उदयपुर नगर निगम के अधिकारी शनिवार दोपहर ही अपनी पूरी टीम के साथ जेसीबी लेकर मौके पर पहुंच गए. सबसे पहले उन्होंने हमलावर छात्र के मकान का बिजली कनेक्शन काट दिया. इसके बाद कम से कम समय में मकान को खाली करवाया गया. अधिकारियों ने जैसे ही सुनिश्चित किया की मकान में कोई नहीं है, वैसे ही दो जेसीबी ने मकान तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी. इस दौरान मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और लोग पीले पंजे से मकान को गिराने का नजारे देखते रहे.
नोटिस में क्या लिखा गया था?
क्षेत्रीय वन अधिकारी के साइन वाला जो नोटिस हमलावर छात्र के मकान पर 16 अक्टूबर 2024 को चस्पा किया गया था, उसमें लिखा है कि, 'यह मकान अवैध रूप से माछला मगरा की फॉरेस्ट लैंड पर बनाया गया है. यहां पर खुदाई करना, पक्का निर्माण करना या गैर वानिकी कार्य करना, राजस्थान वन अधिनियम 1953 एवं राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है. इसीलिए 20 तारीख तक आप स्वयं ही इस वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण को हटा लें. वरना प्रशासन द्वारा बुलडोजर कार्रवाई के जरिए ये अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया जाएगा. इस कार्यवाही के दौरान किसी भी प्रकार की कोई भी क्षति होती है तो इसके लिए परिवार स्वयं ही उत्तरदायी होगा.'
मौके पर भारी सुरक्षाबल की तैनाती
बुलडोजर कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी सुरक्षाबलों की तैनाती रही जो दंगे जैसे किसी भी हालातों से निपटने के लिए तैयार नजर आए. सभी के सिर पर हेलमेट, हाथों में लाठी और शरीर पर बुलेटप्रुफ जैकेट थी. इस कार्रवाई के दौरान लोगों को आगे न आने देना और शांति व्यवस्था को कायम रखा गया. इस वक्त भी लोगों की भीड़ वहां जमा है, लेकिन एक सीमित दायरे से आगे उन्हें नहीं आने दिया जा रहा है.
ये भी पढ़ें:- राजस्थान के मंत्री को संत ने 'कुल के नाश' का श्राप, मिनिस्टर बोले- 'गलती नहीं की तो डरना कैसा'