विज्ञापन
Story ProgressBack

जल्द अमीर बनने के लिए बेरोजगार सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने छापा लाखों नकली नोट, गिरफ्तार

जल्द अमीर बनने के चक्कर में झुंझुनूं एक युवक ने अपनी गैंग के साथ मिलकर नकली नोट छापना शुरू कर दिया. हालांकि उसने लाखों नकली रुपये बाजार में खपा भी दिए हैं.

Read Time: 4 min
जल्द अमीर बनने के लिए बेरोजगार सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने छापा लाखों नकली नोट, गिरफ्तार
नकली नोट छापने वाले आरोपी पुलिस की गिरफ्त में.

Jhunjhunu News: अमीर बनना कौन नहीं चाहता लेकिन उसके लिए ईमानदारी से सही दिशा में मेहनत करने की जरूरत होती है, लेकिन कुछ लोग शार्टकट तरीके अपनाकर अमीर बनना चाहते हैं, हालांकि उनका परिणाम उल्टा होता है. जल्दी अमीर बनने के चक्कर में झुंझुनूं एक युवक ने अपनी गैंग के साथ मिलकर नकली नोट छापना शुरू कर दिया. 

जानकारी के अनुसार शुभम नाम का सॉफ्टवेयर इंजीनियर है जिसके दिमाग की यह खुराफात है, हालांकि पुलिस ने उसे पकड़ लिया है. झुंझुनूं की डीएसटी और चिड़ावा पुलिस नकली नोट छापने वाले गैंग के आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है.

अब तक हो चुकी है कुल 6 गिरफ्तारियां

वहीं अब तक इस मामले में कुल छह गिरफ्तारियां हो चुकी है. एसपी देवेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि बीकानेर के खाजूवाला के रामानंद पारीक तथा रमेश चौधरी नाम के दो व्यक्तियों को भी उन्होंने नकली नोट छापकर दिए थे, जिसकी सूचना बीकानेर पुलिस को दी गई.

पुलिस ने बरामद किए 60 लाख नकली नोट

खाजूवाला पुलिस ने रामानंद पारीक से 36 हजार रुपए तथा रमेश चौधरी से 24 हजार रुपए के नकली नोट बरामद कर लिए हैं. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने नकली नोट छापने के लिए जो कागज खरीदा और स्याही खरीदी, उससे यही संभावना है कि आरोपियों ने दो लाख रूपए के नकली नोट छापे थे. आरोपी एक दो सीरीज के नोट छाप रहे थे, इसलिए वो ज्यादा दिन तक छिप भी नहीं रह सकते थे.

पुलिस के अनुसार मुख्य सरगना शुभम जांगिड़ सॉफ्टवेयर इंजीनियर था. वह बेरोजगार भी था, इसलिए उसने यह प्लान बनाया.

जिसमें उसने कुलहरियों का बास निवासी अमित को साथ मिलाया. वहीं घाटे से जूझ रहे जोधपुर निवासी ठेकेदार सुरेंद्र प्रजापत और उसके मुनीम हिमांशु सोलंकी को भी साथ लिया. उन्होंने बताया कि अमित और हिमांशु का आपराधिक बैकग्राउंड है. इस मामले की लगातार जांच की जा रही है.

अलग-अलग जगहों से खरीदे कच्चा माल

चिड़ावा सीआई विनोद सामरिया ने बताया कि शुभम जांगिड़ वेबसाइट डवलपर है. जोधपुर निवासी सुरेंद्र उसका मित्र है, शुभम ने सुरेंद्र को ही चिड़ावा में बुलाया था और चिड़ावा में संचालित खुशी होटल में कमरा किराया पर लेकर सुरेंद्र हिमांशु को नकली नोट छापना सिखाया. पिलानी से प्रिंटर खरीदा था और स्याही और कागज भी अलग-अलग जगहों से खरीदे थे. अभी सभी बरादमगी की जानी शेष है. साथ ही अब तक कितने नकली नोट उन्होंने बाजार में कहां-कहां पर खपाए हैं, वो भी जानकारी जुटाई जानी शेष है.

लाखों नोट में बाजार में खपाए

पुलिस ने नकली नोट के सरगना को तो पकड़ लिया है, लेकिन एक महीने में आरोपियों ने लाखों रूपयों के नकली नोट जो बाजार में खपा दिए हैं. उन्हें ढूंढना नामुमकिन है. वहीं सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि शुभम और उसके साथी पुलिस को अभी भी झूठी कहानियां बता रहे है.

एक महीने से छाप रहा था नकली नोट

असल में शुभम ने यह काम एक महीने से ज्यादा समय से पहले शुरू कर रखा था और अब तक 10 करोड़ रूपए के नकली नोट मार्केट में खपाने के भी अंदाजे भी लगाए जा रहे है. लेकिन इन बातों में कितना दम है और कहां तक सही है. यह तो पुलिस की जांच ही बताएगी. बहरहाल, नकली नोट के खिलाफ कम से कम राजस्थान में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.

यह भी पढ़ें- Sanwaliya Seth Temple: श्री सांवलिया सेठ के दानपात्र से निकले 12 करोड़ 35 लाख रुपए, अभी और होनी है गिनती

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close