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उदयपुर में धूमधाम से कराई गई दो पेड़ों की अनोखी शादी, पंडित से कुंडली मिलवाई, मंत्र पड़े, लोगों ने किया डांस

स्थानीय लोगों ने बड़ के पेड़ को दूल्हा और पीपल को दुल्हन के रूप में सजाया था. पंडितों ने विवाह के लिए विशेष पूजा की तैयारी की थी. साथ ही, बारात के लिए ढोल और डीजे की व्यवस्था की गई थी.

उदयपुर में धूमधाम से कराई गई दो पेड़ों की अनोखी शादी, पंडित से कुंडली मिलवाई, मंत्र पड़े, लोगों ने किया डांस
उदयपुर में बड़ और पीपल के पेड़ों का विवाह कराया गया.

Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर शहर के खेमपुरा क्षेत्र में बुधवार को एक अनोखी शादी देखने को मिली, जहां युवक-युवती नहीं बल्कि बड़ और पीपल के पेड़ों का विवाह कराया गया. यह आयोजन पूरी तरह एक भव्य विवाह समारोह की तरह दिखाई दिया, जिसमें स्थानीय लोगों ने बड़ के पेड़ को दूल्हा और पीपल को दुल्हन के रूप में सजाया. विवाह से पहले बाकायदा कुंडली मिलान करवाया गया और फिर हल्दी, मेहंदी जैसी रस्में निभाई गईं. महिलाएं बर्तन लेकर घूमी, मंगल गीत गाए. साथ ही बारात निकालकर पूरे मोहल्ले में शादी जैसा माहौल बना दिया. बारात में ढोल गूंज तो डीजे की धुन पर लोग जमकर नाचे.

'विवाह के बाद वृक्ष पूजा योग्य'

इस दौरान समधी मिलन का कार्यक्रम भी हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में कॉलोनीवासियों ने भाग लिया. शादी में पंडितों द्वारा विधिवत रूप से मंत्रोच्चार के साथ फेरे करवाए गए और पाणिग्रहण संस्कार संपन्न कराया गया. कार्यक्रम के दौरान आने-जाने वालों को प्रसाद भी वितरित किया गया. पंडितों का कहना है कि हिंदू परंपरा में पीपल का विशेष धार्मिक महत्व है और विवाह के बाद इस वृक्ष को पूजा योग्य माना जाता है. जल चढ़ाने, बंधन बांधने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पीपल की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है. इस अनोखी शादी को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए थे. लोगों का कहना था कि यह शादी एक अनोखा और अद्भुत अनुभव था, जिसे वे कभी नहीं भूल पाएंगे.

क्या है इस अनोखी शादी का उद्देश्य?

इस अनोखी शादी का उद्देश्य पीपल और बड़ के पेड़ों के महत्व को बढ़ावा देना और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है. पंडितों का कहना है कि इन पेड़ों की पूजा करने से लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और यह पेड़ हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.

कैसे हुई इस अनोखी शादी की तैयारी?

इस अनोखी शादी की तैयारी कई दिनों से चल रही थी. स्थानीय लोगों ने बड़ के पेड़ को दूल्हा और पीपल को दुल्हन के रूप में सजाया था. पंडितों ने विवाह के लिए विशेष पूजा की तैयारी की थी. साथ ही, बारात के लिए ढोल और डीजे की व्यवस्था की गई थी.

क्या है इस अनोखी शादी का संदेश?

इस अनोखी शादी का संदेश यह है कि हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक रहना चाहिए और पेड़ों की पूजा करनी चाहिए. पंडितों का कहना है कि पेड़ हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और हमें उनकी पूजा करनी चाहिए.

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