विज्ञापन
Story ProgressBack

देश का एक मात्र राम मंदिर जहां सबसे अलग है भगवान राम की प्रतिमा, जानें 200 साल पुराने मंदिर का इतिहास

देश का अनूठा और एकमात्र राम मंदिर राजस्थान के झुंझुनू के खेतड़ी में है. खेतड़ी में रजवाड़े के समय से ही 108 मंदिरों वाले मिनी काशी के रूप में भी जाना जाता है.

Read Time: 3 min
देश का एक मात्र राम मंदिर जहां सबसे अलग है भगवान राम की प्रतिमा, जानें 200 साल पुराने मंदिर का इतिहास

Rama Navami: पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है. वैसे तो आपने भगवान श्री राम के मंदिर और प्रतिमा के दर्शन किये होंगे. लेकिन आपने शायद ही भगवान राम और लक्षमण को मूछों में देखा होगा. लेकिन राजस्थान में देश का एकमात्र मंदिर हैं जहां  भगवान राम और लक्ष्मण की प्रतिमाओं के मूछें हैं. यह अनूठा और एकमात्र राम मंदिर राजस्थान के झुंझुनू के खेतड़ी में है. खेतड़ी कस्बे के मुख्य बाजार में स्थित बड़े मंदिर के नाम से जाना जानेवाले मंदिर का निर्माण 200 साल पहले तत्कालीन राजा बख्तावर सिंह ने पत्नी रानी चूड़ावत के कहने पर करवाया था. 

खेतड़ी के बड़े मंदिर का इतिहास

बताया जाता है कि खेतड़ी रियासत के पांचवें राजा बख्तावर सिंह ने 1826 से 1829 तक राज किया. उनकी तीसरी पत्नी रानी चूड़ावत भगवान श्री राम की आराध्य भक्त थी. रानी के कहने पर ही राजा बख्तावर सिंह ने खेतड़ी के प्रसिद्ध तालाब के पास एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया, जिसे खेतड़ी में बड़े मंदिर के नाम से और चूड़ावत रानी के नाम से जाना जाता है. राजा बख्तावरसिंह की पत्नी रानी चूड़ावत भगवान राम की परम भक्त थीं. राजा मूंछें रखते थे. रानी के कहने पर राजा ने मंदिर का निर्माण कराया था. रानी ने कहा था कि मेरे पहले भगवान तो आप ही हैं. फिर श्रीराम हैं. इसलिए भगवान श्रीराम के भी आपकी ही तरह मूंछें होनी चाहिए. इसलिए राजा ने पत्नी की इच्छा के अनुसार मूंछों वाले राम लक्ष्मण की मूर्तियां स्थापित करवाई. साथ में सीता माता की प्रतिमा भी लगवाई. 

वर्तमान समय में यह मंदिर देवस्थान विभाग के संरक्षण में है इसके अलावा भी कस्बे में कई मंदिर है जो देवस्थान विभाग के अंडर में आते हैं. विभाग द्वारा मंदिरों का रखरखाव पूजा पाठ धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं लेकिन रामनवमी के पर्व पर राजस्थान के श्रीराम-लक्ष्मण के मूछों वाला इस खास मंदिर में कोई विशेष कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाता. जबकि मात्र 10 कदम की दूरी पर श्रीराम का एक और मंदिर जिसको रामायण सत्संग मंदिर के नाम से जाना जाता है, रामनवमी पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन मंदिर की संस्था द्वारा किया जाता है जिसमें पूजा-पाठ, झांकी, सवारी तथा प्रसाद वितरण किया जाता है.

राजस्थान में मिनी काशी

खेतड़ी एक बहुत बड़ी रियासत थी. उस समय खेतड़ी के राजाओं ने अनेक मंदिरों  का निर्माण करवाया था. सैकड़ों मंदिर होने के कारण खेतड़ी को मिनी काशी के रूप में भी जाना जाता है. खेतड़ी में रजवाड़े के समय से ही 108 मंदिरों वाले मिनी काशी के रूप में भी जाना जाता है. स्वामी विवेकानंद भी राजा अजीत सिंह के निमंत्रण पर कई बार इस मंदिर में श्रीराम के मूछों वाले स्वरूप के दर्शन कर चुके हैं. ग्रामीण भी रोज इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं.

यह भी पढ़ेंः Ram Navami 2024: राम नवमी पर अयोध्या में दिखा अद्भुत नजारा, सूरज की किरणों से हुआ रामलला का सूर्याभिषेक

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close