
Vasundhara Raje: बीजेपी के दिग्गज नेता और सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर (Om Prakash Mathur) के राजस्थान आने पर जयपुर में एक भव्य नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम रखा गया था. उनके अभिनंदन कार्यक्रम में सीएम भजनलाल शर्मा, डिप्टी सीएम दिया कुमारी और प्रेमंचद बैरवा समेत विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, राजेंद्र राठौड़ सभी पहुंचे थे. लेकिन इस कार्यक्रम में सभी का ध्यान राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अपने संबोधन से खींचा है.
वसुंधरा राजे अपने भाषण के लिए काफी चर्चाओं में रहती हैं. वसुंधरा अपने भाषण में ऐसी बातें बोल जाती हैं जिससे सभी का ध्यान आकर्षित हो जाता है. इस कार्यक्रम में भी वसुंधरा राजे ने अपने अंदाज में भाषण दिया है.
पीतल का लौंग लेकर खुद को सर्राफ समझ बैठते हैं
अपने संबोधन में वसुंधरा राजे ने कहा कि ओम माथुर चाहे कितनी ही बुलंदियों पर पहुंचे है. लेकिन इनके पैस सदा जमीन पर रहे हैं. इसलिए इनके चाहने वाले भी असंख्य हैं. वरना कई लोगों को पीतल की लौंग क्या मिल जाती है, वह अपने आप को सर्राफ समझ बैठते हैं.
ओम माथुर को आता है लगाम खींचना और चाबुक चलाना
वसुंधरा राजे ने कहा कि पीएम के करीबी माथुर ऊपर से गरम, भीतर से नरम है. जिन्होंने छत्तीसगढ़ में कमल खिला कर असंभव को संभव किया. विपक्षी कुछ भी कहें गवर्नर रबर स्टैंप नहीं Iron fist in a velvet glove होता है. फिर जैसा घुड़सवार होगा घोड़ा वैसे ही दौड़ेगा.माथुर कुशल घुड़सवार हैं. जिन्हें लगाम खींचना और चाबुक चलाना अच्छे से आता है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि राज्यपाल किसी भी विधेयक को रोक सकता है. वह मंत्री परिषद की सलाह से काम तो करता हैं, लेकिन अनुच्छेद 166(2) के अनुसार उसका निर्णय ही अंतिम है. अनुच्छेद 356 में राज्यपाल की सिफ़ारिश पर किसी भी बहुमत की सरकार को हटा कर उस प्रदेश में सरकार के सारे अधिकार राज्यपाल को मिल जाते हैं. इसलिए राज्यपाल शक्ति रहित नहीं, शक्ति सहित होता है. संविधान बनाते वक्त यह तय हुआ कि देश में जैसे राष्ट्रपति हैं,वै से ही राज्य को गवर्न करने के लिए गवर्नर होंगे. इसलिए राज्य में गवर्नर ही सबसे शक्तिशाली होता है.