विज्ञापन

Rajasthan: शौक के लिए वेटर बिजनेसमैन बनकर करता था ठगी, महिलाओं को देता महंगे गिफ्ट; पुलिस ने किया गिरफ्तार

Rajasthan: जोधपुर पुलिस की स्पेशल टीम ने फरार अपराधियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन पैराडॉक्स चलाकर 25 हजार के ईनामी दान सिंह को पकड़ा. वह 5 साल से फरार चल रहा था.  

Rajasthan: शौक के लिए वेटर बिजनेसमैन बनकर करता था ठगी, महिलाओं को देता महंगे गिफ्ट; पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर किया खुलासा.

Rajasthan News: जोधपुर पुलिस ने ठगी करने के आरोप में दान सिंह पुत्र पाबूदान को सोमवार (11 नवंबर) को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी बाड़मेर के गिराब का रहने वाला है. आरोप है कि वह लोगों से ठगी करता था. फरारी के दौरान नाम बदलकर बिजनेसमैन बना और ठगी करने लगा. पुलिस को उसके जोधपुर के कुड़ी इलाके में होने की सूचना मिली. डिलीवरी बॉय का पीछा करते हुए पुलिस उसके ठिकाने तक पहुंची गई. जांच में सामने आया कि पुलिस से बचने के लिए वह अपने भाई-बहन की सगाई में भी शामिल नहीं हुआ. दोनों को वीडियो कॉन्फ्रेंस से आशीर्वाद दिया. 

पांच साल से फरार चल रहा था दान सिंह 

जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने बताया, "आरोपी दान सिंह 2003 से अपराध की दुनिया में है. साल 2019 तक 27 मामले उसके खिलाफ दर्ज हो चुके थे. साल 2019 में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद फरार हो गया. उसकी तलाश में जैसलमेर, बाड़मेर और बालोतरा जिले की पुलिस लगी हुई थी. उस पर जैसलमेर पुलिस ने 25 हजार का ईनाम घोषित कर रखा था." आरोपी को पकड़ने के लिए पैराडॉक्स नाम से ऑपरेशन चलाया गया. पैराडॉक्स का मतलब विरोधाभास होता है. 

वेटर का काम किया, फिर बिजनेसमैन बनकर ठगा 

आईजी विकास कुमार ने बताया कि आरोपी ने फरारी के दौरान गुजरात के दो होटल में वेटर का काम किया. इसके बाद जोधपुर में ट्रांसपोर्टर का बिजनेस शुरू किया. इस दौरान व्यापारियों से करीब 3 से 4 लाख रुपए ठगकर भुवनेश्वर भाग गया. वहां से वापस लौटने के बाद कुड़ी में अकाउंट खुलवाने और डिजिटलाइजेशन का काम शुरू कर दिया. पुलिस से बचने के लिए आरोपी दान सिंह ने अपने पुराने सारे संपर्क तोड़कर नए संपर्क बनाए. अपना नाम दान सिंह से बदलकर विक्रम सिंह रख लिया. अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए दूसरे लोगों के नाम से मोबाइल और सिम को खरीदा, इसमें बिहार के मजदूरों को अपने जाल में फंसाकर उनके नाम से बैंक में अकाउंट खुलवा देता था. इसके बाद उनके अकाउंट का डिजिटल सिग्नेचर बनाकर गलत इस्तेमाल करता था.

मौज की जिंदगी जीना चाहता था दान सिंह

आईजी विकास कुमार ने बताया कि दान सिंह मौज की जिंदगी जीना चाहता था. इसकी वजह से वह महिलाओं से दोस्ती रखता था. उन्हें महंगे गिफ्ट देता था. ऐसे ही एक गिफ्ट की डिलीवरी का पुलिस को पता लगा. पुलिस डिलीवरी बॉय का पीछा करते हुए उसके ठिकाने तक पहुंच गई. इसके बाद सोमवार (11 नवंबर) सुबह गिरफ्तारी के लिए कुड़ी में उसके ठिकाने पर पुलिस ने दबिश दी. उसने खुद को विक्रम सिंह बताकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. उसके कमरे से बरामद हुए आधार कार्ड से उसके सही नाम का पता चला. 

यह भी पढ़ें: 'खींवसर में हारे तो सिर और मूंछें मुंडवा लूंगा' चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह का उपचुनाव को लेकर बड़ा ऐलान

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close