Rajasthan News: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) को हार 3 कारणों से मिली है. पहला कारण, कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री के दावेदारों और विशेषकर एक परिवार का अति उत्साह होना है. दूसरा कारण, उनका घमंड है. तीसरा और सबसे बड़ा कारण, इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ना है. यह बयान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने मंगलवार देर रात एक्स पर अपनी एक पोस्ट के जरिए दिया है.
'किसानों-दलितों-युवाओं को निराशा हाथ लगी'
कांग्रेस के 4 दिग्गज नेताओं को टैग करते हुए बेनीवाल ने आगे लिखा, 'लोकसभा चुनाव में जब इंडिया गठबंधन से जुड़े सभी राजनैतिक दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा तो एनडीए ने हांफते-हांफते अपनी सरकार केंद्र में बनाई. मगर, हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन के दलों के साथ कांग्रेस ने रुचि नहीं दिखाई और आज यह परिणाम देखने को मिला. जबकि हरियाणा का किसान, जवान और दलित, भाजपा की नीतियों और शासन के खिलाफ था. लेकिन कांग्रेस पार्टी की एक राय और एक साथ होकर चुनाव नहीं लड़ने की वजह से फिर हरियाणा के किसानों, दलितों और युवाओं को निराशा हाथ लगी. हालांकि लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरि है. मगर फिर भी कांग्रेस पार्टी के आलाकमान को अब गंभीरता से सोचने की जरूरत है.'
हरियाणा में कांग्रेस पार्टी से मुख्यमंत्री के दावेदारों और विशेषकर एक परिवार के अति- उत्साह और घमंड तथा इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव नही लड़ने के कारण आज वहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने से वंचित हो गई क्योंकि लोक सभा चुनाव में जब इंडिया गठबंधन से जुड़े सभी…
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) October 8, 2024
'किसी को भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए'
इससे पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा था, 'हरियाणा के चुनाव नतीजों से सबसे बड़ा सबक यही है कि किसी को भी चुनाव में अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए. किसी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए. हर चुनाव और हर सीट मुश्किल होती है.' हरियाणा में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद के कारण आप कांग्रेस के साथ गठबंधन करने में विफल रही थी.
दिल्ली के अपने सभी निगम पार्षद साथियों के साथ मुलाक़ात। https://t.co/26f2yl09Yg
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 8, 2024
'हरियाणा चुनाव परिणाम पर महाराष्ट्र पर असर नहीं'
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था कि, 'हरियाणा चुनाव के नतीजों का महाराष्ट्र में कोई असर नहीं पड़ेगा, जहां अगले महीने चुनाव होने की संभावना है. हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस अपनी चुनावी रणनीति पर फिर से विचार करे, क्योंकि हरियाणा में भाजपा के खिलाफ सीधी लड़ाई में कांग्रेस उम्मीदों से कमतर प्रदर्शन कर सकी.' कांग्रेस महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के लिए शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ बातचीत कर रही है.
'कांग्रेस ने सहयोगियों को याद दिलाया गठबंधन का धर्म'#WATCH | Delhi: On Haryana election result trends, Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi says, "I congratulate the BJP because even after so much anti-incumbency wave, it seems they are forming the government in Haryana...The Congress party needs to think about its strategy… pic.twitter.com/dliq9SEKUy
— ANI (@ANI) October 8, 2024
कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों को गठबंधन धर्म की याद दिलाई और कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. रमेश ने कहा, 'मैं याद दिलाना चाहता हूं कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस पहले स्थान पर थी. गठबंधन का एक धर्म होता है, जो आपस की बात होती है वो एक दूसरे से बोलते हैं मीडिया के माध्यम से नहीं बोलते. महाराष्ट्र में गठबंधन को मजबूत करना हमारा कर्तव्य बनता है और हम अपने साथी दलों के बारे में कुछ नहीं कहेंगे.'
पूर्व डिप्टी सीएम से लेकर स्पीकर तक, ये नेता हारे चुनावबताते चलें कि कांग्रेस की हरियाणा इकाई के प्रमुख उदयभान, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला उन प्रमुख नेताओं में शामिल हैं जो हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी सीट पर हार गए. इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला और भाजपा के भव्य बिश्नोई भी हारने वालों में शामिल हैं. अन्य प्रमुख हारने वालों में हरियाणा भाजपा के पूर्व प्रमुख और बादली से भाजपा उम्मीदवार ओ पी धनखड़, हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा उम्मीदवार कैप्टन अभिमन्यु, इनेलो के दिग्विजय चौटाला और निर्दलीय उम्मीदवार रणजीत चौटाला शामिल हैं. इसके अलावा नायब सिंह सैनी सरकार के 10 में से आठ मंत्री भी चुनाव हार गए. इनमें असीम गोयल, सुभाष सुधा और कंवर पाल शामिल हैं. वहीं दूसरी ओर सत्ता विरोधी लहर को दरकिनार करते हुए लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार बनाने के लिए तैयार है.
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