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राजस्थान विधानसभा से कांग्रेस विधायक मुकेश क्यों हुए निलंबित, बजट सत्र में नहीं ले सकेंगे हिस्सा

कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने उन्हें निलंबित करने का आदेश जारी किया है.

राजस्थान विधानसभा से कांग्रेस विधायक मुकेश क्यों हुए निलंबित, बजट सत्र में नहीं ले सकेंगे हिस्सा

Rajasthan Assembly: राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को हंगामे भरा रहा. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर को बजट सत्र के बचे हुए अवधि के लिए निलंबित कर दिया है. हालांकि, मुकेश भाकर के निलंबन के बाद सदन में हंगामा और बढ़ गया. बताया जा रहा है कि स्पीकर वासुदेव देवनानी ने मुकेश भाकर के हंगामे के दौरान चेयर को ऊंगली दिखाने पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए मार्शल को बुलाकर बाहर निकालने के निर्देश दिए. इस पर कांग्रेस के सदस्यों ने विरोध दर्ज कराया.

मुकेश भाकर क्यों किये गए निलंबित

दरअसल राजस्थान नवाचारों पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल पर अपने पुत्र को जोधपुर में अधिवक्ता लगाने के आरोप पर हंगामा हो गया. सत्तापक्ष ने विरोध किया तो विपक्ष ने वेल में आकर नारेबाज़ी की. इस दौरान हंगामा कर रहे कांग्रेस के विधायक मुकेश भाकर की एक्टिविटीज़ को लेकर स्पीकर नाराज़ हो गए.

स्पीकर में मुकेश भाकर से कहा कि आप चेयर को उंगली इंगित नहीं कर सकते. विरोध जारी रखने पर स्पीकर में मुकेश भाकर को बजट सत्र की कार्यवाही के लिए सदन से निलंबित कर दिया और मार्शल को भुलाकर सदन से बाहर भेजने के निर्देश दिए.

मुकेश भाकर किया गया बचाव

इसके साथ स्पीकर ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी. लेकिन मार्शल के सदन में आने के बाद कांग्रेस की महिला सदस्यों ने मुकेश भाकर का बचाव किया. मार्शल की कार्रवाई का विरोध किया. आधे घंटे बाद जब सदन की कार्रवाई फिर से शुरू हुई. तब सभापति संदीप शर्मा ने मुकेश भाकर को सदन से बाहर जाने के लिए कहा नहीं मानने पर हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई. कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी कांग्रेस के सदस्य सदन में ही मौजूद रहे आगे की रणनीति पर चर्चा गई.

टीकाराम जूली ने मुकेश भाकर के निलंबन को बताया गलत

मुकेश भाकर के निलंबन पर टीकाराम जूली ने कहा, सरकार के सामने संवैधानिक संकट है. सरकार ने पीपी और एपीपी की नियुक्ति पुराने कानून यानी सीआरपीसी के तहत की है,  इसलिए वह नियुक्ति शून्य हो जाती है. अब देश में सीआरपीसी की जगह नए अपराधिक कानून लागू हो चुके हैं. हमने आसान से यह मांग की थी कि इस पर सरकार का जवाब आ जाना चाहिए. लेकिन सरकार इस पर कोई जवाब नहीं देना चाहती. सत्ता पक्ष के लोग हमें उकसाते हैं. जिससे गतिरोध उत्पन्न हो जाता है. नियमों के तहत हमें जो अधिकार प्राप्त है. हम उसी के तहत अपनी बात रख रहे हैं. जो चीज गलत होगी हम उसका विरोध करेंगे.

हमारे सदस्य मुकेश भाकर को बाहर निकाला गया है जो निंदनीय है. जब मैं बोल रहा था तो सत्ता पक्ष के सदस्य दूसरी तरफ से बोल रहे थे. जिसे बैठने के लिए हमारे विधायक ने कहा था. ऐसे में हमारे विधायक पर जो कार्रवाई हुई है वह गलत है.

सदन में कानून और नियमों की धज्जियां उड़ी है. हम सदन में बैठ कर रात भर धरना देंगे.

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महिला विधायक ने लगाया छेड़छाड़ और चूड़ी तोड़ने का आरोप

राजस्थान विधानसभा में हंगामे को लेकर महिला विधायक ने छेड़छाड़ और चूड़ी तोड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मार्शल ने उनके साथ धक्कामुक्की की और उनकी चूड़ियां तोड़ दी. आरोप लगाया गया कि सदन में महिला विधायक भी सुरक्षित नहीं है तो अब कहां सुरक्षित होंगी.

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