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Rajasthan: सरकारी स्कूलों में 31 मार्च तक अशोक गहलोत ही रहेंगे मुख्यमंत्री?

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए उनकी किताबों और दूध पाउडर के पैकेट का स्टॉक 31 मार्च तक के लिए पर्याप्त मात्रा में पड़े हुए हैं. अब बड़ा सवाल यह है कि सरकार 3 महीने के इस स्टॉक का आखिर क्या करती है?

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Rajasthan: सरकारी स्कूलों में 31 मार्च तक अशोक गहलोत ही रहेंगे मुख्यमंत्री?
पूर्व सीएम अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

Rajasthan News: राजस्थान में कांग्रेस की सरकार का दौर चला गया है और भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार बन गई है. अब मुख्यमंत्री भी अशोक गहलोत की जगह भजनलाल शर्मा हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए 31 मार्च तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहने वाले हैं. यह सब कुछ इसलिए हो रहा है क्योंकि स्कूली बच्चों की किताबों और बाल गोपाल योजना के पैकेटों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ही फोटो छपे हुए हैं. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए उनकी किताबों और दूध पाउडर के पैकेट में 31 मार्च तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही रहेंगे.

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गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले बाल गोपाल योजना के तहत आपूर्ति करने वाली फर्म ने एडवांस में ही आगामी मार्च तक के दूध पाउडर के पैकेट स्कूलों में भेज दिए हैं. इस पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर दूध बनाया जाता है और बच्चों को पिलाया जाता है. खास बात यह है कि इस पैकेट पर निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम और फोटो छपा हुआ है. अब संस्था प्रधानों के सामने दिक्कत यह है कि स्कूलों में दूध पाउडर का मार्च तक का जो स्टाक जमा है, उस पर छपे अशोक गहलोत के फोटो कैसे हटाएं. हालांकि अभी तक इस बारे में उच्च स्तर से कोई दिशा निर्देश भी अधिकारियों को नहीं मिले हैं.

भाजपा शासन काल की है योजना

स्कूलों में बच्चों को दुध देने की यह योजना भाजपा शासन से चल रही है. पहले इसका नाम मुख्यमंत्री निशुल्क दूध योजना था जिसमें बच्चों को ताजा दूध गर्म करके पिलाया जाता था. बाद में कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल में पुरानी योजना को बंद कर नई मुख्यमंत्री बाल-गोपाल योजना शुरू की. इसमें बच्चों को दूध की जगह दूध के पाउडर के पैकेट दिए गए. 

1 लाख 60 हजार बच्चों को मिल रहा है लाभ

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1654 प्रारंभिक और माध्यमिक स्कूल है. इनमें 1 लाख 53 हजार 699 छात्र छात्राओं को दूध दिया जा रहा है. जिले में 51 मदरसे है, जिनमें 2 हजार 925 छात्र- छात्राएं है. इसके साथ ही 31 संस्कृत स्कूल है इनमें 2 हजार 728 छात्र-छात्राएं है. इनके अलावा 7 स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर में 824 छात्र-छात्राएं है. इस प्रकार जिले में कुल 1743 स्कूल है.

अभी नहीं प्राप्त हुए कोई निर्देश

झालावाड़ के जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) हंसराज मीणा का कहना है कि स्कूलों में बाल गोपाल योजना के पाउडर का 31 मार्च तक का स्टॉक पड़ा हुआ है, जिसको लेकर फिलहाल ऊपर से किसी भी प्रकार के निर्देश नहीं प्राप्त हुए हैं. झालावाड़ के कार्यवाहक मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एसपी शर्मा ने बताया कि आचार संहिता के दौरान स्कूलों में रखे हुए बाल गोपाल योजना के कार्टूनों पर सफेद कागज चिपकाकर उनको ढक दिया गया था.

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