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Rajasthan: अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से प्रसव के दौरान महिला की मौत, भड़के परिजन , सड़क पर शव रखकर किया प्रदर्शन

भीनमाल शहर के निजी त्रिवेणी अस्पताल में प्रसव के दौरान एक महिला की मौत का गंभीर मामला सामने आया है. इस घटना के बाद क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया

Rajasthan: अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से प्रसव के दौरान महिला की मौत, भड़के परिजन , सड़क पर शव रखकर किया प्रदर्शन
मृतका हिना अपने पति के साथ
NDTV

Bhinmal news: राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल शहर के निजी त्रिवेणी अस्पताल में प्रसव के दौरान एक महिला की मौत का गंभीर मामला सामने आया है. इस घटना के बाद क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल गया, जिसके चलते मृतका के परिजनों और सोनी समाज के लोगों ने अस्पताल के बाहर शव रखकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. मृतका की पहचान सांथू निवासी हिना पत्नी अंबालाल सोनी के रूप में हुई है.

प्रसव पीड़ा होने पर मृत्तका को लाए थे त्रिवेणी अस्पताल

जानकारी के अनुसार, हिना को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन त्रिवेणी अस्पताल लाए थे. यहां सामान्य प्रसव कराया गया, जिसमें नवजात स्वस्थ बताया जा रहा है. हालांकि, प्रसव के तुरंत बाद महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई. परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान डॉक्टरों की घोर लापरवाही के कारण महिला की स्थिति गंभीर हुई. हालत बिगड़ने पर उसे बेहतर इलाज के लिए गुजरात रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही महिला की मृत्यु हो गई.

शव रखकर प्रदर्शन, फिर हुआ समझौता

महिला की मौत की खबर फैलते ही सैकड़ों की संख्या में परिजन और सोनी समाज के लोग अस्पताल के बाहर एकत्रित हो गए. लोगों ने मृतका का शव अस्पताल के बाहर रखकर प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ ज़ोरदार नारेबाजी की, जिससे कुछ समय के लिए माहौल तनावपूर्ण हो गया. इस मामले में नया मोड़ तब आया जब सूत्रों के हवाले से यह बात सामने आई कि संबंधित डॉक्टर ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है. इसके बाद अस्पताल प्रबंधन और आक्रोशित परिजनों के बीच आपसी सहमति से समझौता हो गया. हालांकि, समझौते की शर्तें सार्वजनिक नहीं की गई हैं.

निजी अस्पताल में सरकारी डॉक्टर पर सवाल

स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पहला मामला नहीं है; इससे पहले भी त्रिवेणी अस्पताल से जुड़े ऐसे दो-तीन मामले सामने आ चुके हैं, जिन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. इस कारण अस्पताल की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठते रहे हैं. यह भी जानकारी सामने आई है कि अस्पताल के संचालक डॉक्टर जुगमाल चौधरी राजकीय उप जिला चिकित्सालय में पदस्थ हैं, लेकिन वह सरकारी अस्पताल में केवल औपचारिक उपस्थिति दर्ज कराकर अधिकांश समय अपने निजी अस्पताल में सेवाएँ देते हैं.यह सीधा-सीधा सरकारी नियमों का उल्लंघन और राजस्व को नुकसान पहुंचाने का मामला है.

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