World Suicide Prevention Day 2024: आज (10 सितंबर) को World Suicide Prevention Day यानी विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस है. विश्व स्वास्थ्य संगठन आत्महत्या के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल यह दिवस मनाता है. पहली बार यह दिवस वर्ष 2003 में आयोजित किया गया था. इसका उद्देश्य आत्महत्या के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना, इसे लेकर समाज में बदनामी की भावना को दूर करना और संगठनों, सरकारों, और जनता में जागरूकता फैलाना है.
आत्महत्या के मामलों में राजस्थान के कोटा शहर का नाम अक्सर सुर्खियों में रहता है. कोटा में छात्रों की आत्महत्या करने की समस्या एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुकी है. मगर राजस्थान में इनके अलावा भी आत्महत्या की घटनाएं होती रहती हैं.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) देश में हर वर्ष होने वाली आत्महत्याओं के आंकड़े जारी करता है. NCRB ने पिछले वर्ष दिसंबर में अपनी सबसे ताजा रिपोर्ट दी थी.
देश में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं महाराष्ट्र में
रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत में वर्ष 2022 में 1 लाख 70 हजार 924 लोगों ने आत्महत्याएं कीं. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 22,746 लोगों ने आत्महत्या की थी. दूसरे नंबर पर तमिलनाडु (19834) और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश (15386) था.
मगर जनसंख्या के हिसाब से आत्महत्याओं के प्रतिशत के मामले में सबसे ऊपर सिक्किम था. सिक्किम में प्रति एक लाख की आबादी पर 43.1 प्रतिशत लोगों ने आत्महत्याएं की थीं. सिक्किम में वर्ष 2022 में 293 लोगों ने आत्महत्या की थी. दूसरे नंबर पर अंडमान और निकोबार (42.8 प्रतिशत) और तीसरे पर पुदुचेरी (29.7 प्रतिशत) था.
राजस्थान में आत्महत्या की स्थिति
NCRB की अंतिम रिपोर्ट में बताया गया था कि राजस्थान में वर्ष 2022 में 5343 लोगों ने आत्महत्याएं की थीं. इस तरह राजस्थान में हर दिन 14 लोगों ने आत्महत्याएं की थीं. आत्महत्याओं के मामले में संख्या के हिसाब से राजस्थान का देश में 13वां स्थान था. राजस्थान में आत्महत्या की दर 6.6 प्रतिशत थी.
राजस्थान में आत्महत्याएं (प्रति वर्ष)
- 2022 - 5343
- 2021 - 5593
- 2020 - 5658
हालांकि, राजस्थान की स्थिति देश के ज्यादातर राज्यों से बेहतर थी. राजस्थान उन 12 राज्यों में से था जहां आत्महत्या के मामलों की संख्या में लगातार गिरावट आई थी. वर्ष 2021 में राजस्थान में 5593, और इससे पहले वर्ष 2020 में 5658 लोगों ने आत्महत्याएं की थीं. इसके विपरीत राष्ट्रीय स्तर पर आत्महत्या की कुल संख्या बढ़ गई थी.
मगर राजस्थान में पिछले कुछ सालों में हर वर्ष 5,000 से ज्यादा लोगों की आत्महत्या से मौत हो रही है. वर्ष 2020 में पहली बार आत्महत्या से हुई मौतों की संख्या 5,000 को पार कर गई.
राजस्थान में इस वर्ष भी आत्महत्या की घटनाएं हुई हैं मगर उनकी कुल संख्या अभी स्पष्ट नहीं है. मगर कोटा में छात्रों की आत्महत्या के आंकड़े आते रहे हैं. पिछले सप्ताह (4 सितंबर) को वहां एक कोचिंग छात्र ने आत्महत्या कर ली थी. यह इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक कोटा में किसी छात्र की आत्महत्या का 14वां मामला था.
मगर NCRB की पिछले साल की नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में छात्रों की आत्महत्या के मामले में पहले नंबर पर महाराष्ट्र (1746), दूसरे नंबर पर तमिलनाडु (1416), तीसरे पर मध्य प्रदेश (1340), चौथे पर उत्तर प्रदेश ( 1060) और पांचवें पर झारखंड (824) था. देश में वर्ष 2022 में जितने छात्रों ने आत्महत्याएं की थीं, उनमें से 49 प्रतिशत, यानी लगभग आधे छात्र इन्हीं 5 राज्यों के थे. छात्रों की आत्महत्या के मामले में राजस्थान लिस्ट में 10वें पायदान पर है.
ये भी पढ़ें-:
कोटा में सुसाइड करने वाले UP के छात्र के पिता बोले, बेटे ने कहा था -'पापा यहां मन नहीं लग रहा'
Helplines | |
---|---|
Vandrevala Foundation for Mental Health | 9999666555 or help@vandrevalafoundation.com |
TISS iCall | 022-25521111 (Monday-Saturday: 8 am to 10 pm) |
(If you need support or know someone who does, please reach out to your nearest mental health specialist.) |