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This Article is From Aug 02, 2023

मां मनरेगा श्रमिक और पिता मज़दूर, तमाम परिस्थितियों के बावजूद बेटे ने जीता गोल्ड मेडल

रामदेव शाक्य को खेल कोटे में तीन साल पहले दिल्ली सीआरपीएफ में नौकरी मिली थी.

मां मनरेगा श्रमिक और पिता मज़दूर, तमाम परिस्थितियों के बावजूद बेटे ने जीता गोल्ड मेडल

श्रीगंगानगर निवासी रामदेव शाक्य ने वर्ल्ड पुलिस एवं फायर गेम में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीत कर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है. रामदेव शाक्य श्रीगंगानगर के जैतसर गांव के निवासी हैं. फिलहाल सीआरपीएफ दिल्ली में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं.  रामदेव शाक्य की इस उपलब्धि पर पूरे गांव में जश्न का माहौल है वहीं खेल प्रेमियों व ग्रामीणों ने रामदेव को फोन कर बधाई भी दी है.

जानकारी के मुताबिक़ जैतसर निवासी रामदेव शाक्य ने कनाडा में आयोजित वर्ल्ड पुलिस एवं फायर गेम में 800 मीटर दौड़ में पहले स्थान पर रहते हुए गोल्ड मैडल जीता. कनाडा में 28 जुलाई से 6 अगस्त तक आयोजित हो रहे अंतरराष्ट्रीय पुलिस गेम में रामदेव 800 मीटर व 1500 मीटर दौड़ में भाग ले रहा है. जैसे ही रामदेव के गोल्ड मैडल जीतने की खबर आयी वैसे ही खेल प्रेमियों में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी. रामदेव के पिता अशोक व मां शकुंतला देवी को बधाईयां भी मिल रही हैं. रामदेव की उपलब्धि पर सीआरपीएफ अधिकारियों ने भी परिजनों को बधाई दी है. रामदेव के वापिस लौटने पर उसका भव्य स्वागत करने की तैयारी भी शुरू कर दी गयी है.

रामदेव शाक्य को खेल कोटे में तीन साल पहले दिल्ली सीआरपीएफ में नौकरी मिली थी. रामदेव की मां नरेगा श्रमिक और पिता मजदूरी करते हैं. परिजनों ने बताया कि रामदेव की रूचि शुरू से ही खेलो में काफी थी. बेटी की इस उपलब्धि पर माता पिता फूले नहीं समा रहे हैं. आपको बता दे कि रामदेव ने पहले भी राज्य स्तर और नैशनल स्तर पर कई मैडल जीते हुए हैं.

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