NDTV Impact: प्रदेश के स्कूलों में लम्बे अरसे से प्रिंसिपल बनने का इंतजार कर रहे वाइस प्रिंसिपल के लिए खुशखबरी है. अब उनके प्रिंसिपल बनने का रास्ता साफ हो गया है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने पदों को भरने की क़वायद शुरू कर दी है. NDTV राजस्थान की ओर से मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद सरकार हरकत में आ गई थी. दरअसल, राजस्थान शिक्षा सेवा के नियमों के मुताबिक़ स्कूलों में कार्यरत वाइस प्रिंसिपल को ही प्रमोशन (Promotion) देकर डीपीसी के जरिए प्रिंसिपल के पदों को भरने का प्रावधान है. अब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पदोन्नति के लिए अस्थाई लिस्ट भी जारी कर दी है. इस लिस्ट में 14 नवम्बर तक वाइस प्रिंसिपल अपनी आपत्तियां दर्ज करवा सकेंगे.
आपत्तियों के निस्तारण के बाद शिक्षा विभाग की तरफ़ से स्थायी सूची जारी की जाएगी. साल 2023-24 की डीपीसी में तक़रीबन 5 हजार लोगों के वाइस प्रिन्सिपल से प्रिन्सिपल बनने की सम्भावना है. हालांकि प्रिन्सिपल के पद पर प्रोमोशन के लिए वाइस प्रिंसिपल के तौर पर 3 साल का अनुभव होना जरूरी है, लेकिन इस डीपीसी के लिए प्रदेश की सरकार ने अनुभव में छूट का प्रावधान किया है.
दीवाली के बाद मांग पूरी करने का मिला था आश्वासन
दरअसल, प्रमोशन के लिए कुछ दिनों पहले बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना हुआ था. कई दिनों तक चले इस धरने के दौरान एनडीटीवी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद धरने पर बैठे वाइस प्रिंसिपल को सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया था. साथ ही दीपावली के बाद उनकी मांगों को क्रियान्वित करने का आश्वासन दिया गया था.
पद भरे जाने से 5 हजार वाइस प्रिंसिपल को होगा फायदा
प्राचार्य संघर्ष समिति के संयोजक विपिन जैन ने एनडीटीवी का शुक्रिया अदा किया और कहा कि जैसे ही खबर चली तो उसके तुरन्त बाद हमारी मांग पर एक्शन ले लिया गया, इसके लिए एनडीटीवी का आभार. विपिन जैन का कहना है कि सरकार ने वक्त रहते अच्छा निर्णय लिया है, जिसका फायदा पांच हजार वाइस प्रिंसिपल को मिलेगा. वहीं प्रिंसिपल पद भरे जाने के चलते स्कूलों की हालत में भी सुधार होगा.
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