डॉ. राजवर्धन सिंह परमार (Dr. Rajvardhan Singh Parmar) , जो महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) सेना के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को हिंदू मंदिर बताने का दावा किया है. उनका कहना है कि दरगाह के नीचे एक हिंदू मंदिर है, जिसे मुगलों ने कब्जा किया था. उन्होंने इस मामले में राष्ट्रपति कार्यालय और अजमेर न्यायालय में याचिका दायर की है और मांग की है कि सरकार इस मामले की जांच करे. इसके अलावा, वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ए.पी. सिंह के साथ एक प्रेस वार्ता करेंगे और कोर्ट में कुछ दस्तावेज पेश करेंगे. परमार का यह दावा है कि अजमेर दरगाह हिंदू धर्म का पवित्र मंदिर है, और इसके समर्थन में उन्होंने जनजागरण अभियान चलाया था, जिसमें लाखों लोगों ने उनका समर्थन किया. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कई पत्र भी लिखे हैं, और अजमेर न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई की मंजूरी दी है. सुरक्षा को लेकर भी पूरी तैयारी की गई है, क्योंकि परमार और उनके कार्यकर्ता इस मामले में अदालत में दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे.