हाल ही में राजस्थान (Rajasthan) में राजस्थान विधानसभा(Rajasthan Assembly) में कोलायत (Kolayat) विधायक अंशुमान भाटी (Anshuman Bhati) और शिव (Sheo) से विधायक रविंद्र भाटी (Ravindra Singh Bhati) को कुछ नुमाइंदों ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने से इंकार कर दिया है. और हवाला दिया गया कि संविधान की आठवीं सूची का जिसमें राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं है. हैरानी इस बात की है कि राजस्थान में राजस्थानी विधायकों को राजस्थानी भाषा में शपथ नहीं लेने दी गई. दरअसल, राजस्थानी भाषा को मान्यता ना मिलने का मामला राजस्थान बनने कि जितना पुराना है. साहित्यकारों, संस्कृति और शिक्षा से लेकर सरकारों तक कई बार कवायद हुई. लेकिन राजस्थानी कभी भाषा नहीं बन पाई और अब राजस्थान की इस ताजा घटना ने एक बार फिर हमें सोचने और इस पर बात करने और इसके को मजबूर कर दिया है