दिव्यांगता को अभिशाप समझने वाले लोगों के लिए दौसा जिले की सुनीता गुप्ता (Sunita Gupta) प्रेरणा बनकर उभरीं हैं. 70 प्रतिशत डिसेबल होने के बाद भी सुनीता गुप्ता ने अपने जीवन में आने वाली हर परेशानी को चुनौती के रूप में लिया और लगातार सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ती चली गईं. इसी का नतीजा है कि सुनीता गुप्ता ने दौसा रत्न सहित जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के करीब 80 अवॉर्ड अपने नाम किए हैं. इसी के साथ उन्हें 3 दिसंबर को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से दिव्यांगजन सशक्तिकरण के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इससे पहले सुक्ष्म एवं लघु उद्योग MSME- 2022 दिव्यांग श्रेणी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की ओर से सुनीता गुप्ता को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.