Rajasthan: केंद्र सरकार ने साल के अंत में परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल रहने वाले कक्षा 5 और 8 के विद्यार्थियों के लिए 'अनुत्तीर्ण न करने की नीति' को खत्म कर दिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वर्ष 2019 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में संशोधन के बाद, कम से कम 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दो कक्षाओं के लिए ‘‘अनुत्तीर्ण न करने की नीति'' को खत्म कर दिया है.
फेल होने पर दो महीने बाद दोबारा एग्जाम होगा
राजपत्र अधिसूचना के अनुसार, नियमित परीक्षा के आयोजन के बाद यदि कोई बच्चा समय-समय पर अधिसूचित प्रोन्नति मानदंडों को पूरा करने में विफल रहता है तो उसे परिणाम की घोषणा की तारीख से दो महीने की अवधि के भीतर अतिरिक्त निर्देश और पुनः परीक्षा का अवसर दिया जाएगा. अधिसूचना में कहा गया, ‘‘यदि पुनः परीक्षा में बैठने वाला छात्र प्रोन्नति (अगली कक्षा में जाने की अर्हता) के मानदंडों को पूरा करने में असफल रहता है, तो उसे पांचवीं या आठवीं कक्षा में ही रोक दिया जाएगा. '' हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा.
3 हजार से अधिक स्कूलों पर लागू होगा
अधिसूचना में कहा गया, ‘‘स्कूल का प्रधानाचार्य ऐसे बच्चों की सूची बनाएगा जो पढ़ाई में पिछड़ गए हैं और उन बच्चों की प्रगति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेगा.'' शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह अधिसूचना केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित 3,000 से अधिक स्कूलों पर लागू होगी.
‘अनुत्तीर्ण न करने की नीति' को खत्म कर दिया
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘चूंकि स्कूली शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए राज्य इस संबंध में अपना निर्णय ले सकते हैं. 16 राज्यों और दिल्ली सहित दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दो कक्षाओं के लिए ‘अनुत्तीर्ण न करने की नीति' को खत्म कर दिया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा और पुडुचेरी ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, जबकि शेष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने नीति को जारी रखने का फैसला किया है.''
यहां पर नीति को खत्म कर दिया
जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस नीति को खत्म कर दिया है उनमें असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, दादरा और नगर हवेली और जम्मू कश्मीर शामिल हैं.
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक एवं अभिनंदनीय निर्णय लिया है। इस महत्वपूर्ण निर्णय के अंतर्गत "नो डिटेंशन पॉलिसी" को समाप्त कर दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप अब कक्षा पांच एवं आठवीं में अनुत्तीर्ण होने…
— Madan Dilawar (@madandilawar) December 23, 2024
राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने नीति का किया स्वागत
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने फैसले का स्वागत किया. उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा, "पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय लिया है. इसके अंतर्गत 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को समाप्त कर दिया. अब कक्षा 5वीं और 8वीं में फेल होने वाले स्टूडेंट्स का अगली क्लास में एडमिशन नहीं होगा. इस फैसले से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा. विद्यार्थियों की पढ़ाई के प्रति गंभीरता और जिम्मेदारी की भावना का विकास होगा. इससे भारतीय शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा मिलेगी."
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