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This Article is From Dec 05, 2023

राजस्थान में नई सरकार की गठन से पहले नियुक्ति की तैयारी, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर आया यह अपडेट

Rajasthan new government: राजस्थान में सहायक प्रोफ़ेसर के अभ्यर्थियों के लिए एक नई खुश खबरी आ सकती है. राजूवास यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर भर्ती को लेकर एक नया अपडेट आ सकता है. ज्ञात हो कि पिछली सरकार ने भर्ती प्रक्रिया पर जो रोक लगाई थी. उसे अब विश्वविद्यालय प्रशासन नए रिजल्ट के साथ जारी कर सकता है.

राजस्थान में नई सरकार की गठन से पहले नियुक्ति की तैयारी, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर आया यह अपडेट
पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय जोधपुर का भवन.

Rajasthan Job Update:  राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान (Rajasthan University of Veterinary & Animal Sciences, Bikaner) (RAJUVAS), बीकानेर में चल रही सहायक प्रोफेसर (Assistant Professor) भर्ती में अब परिणाम जारी करने की तैयारी चल रही है. आपको बता दें कि पिछली सरकार (कांग्रेस) ने भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति देने पर रोक लगा दी थी. अब राज्य में जल्द ही बीजेपी की नई सरकार बनने जा रही है. इस नई सरकार के गठन से पहले ही गुपचुप तरीके से असिस्टेंट प्रोफेसर के आवेदकों को नियुक्ति देने की प्रकिया जारी है.

राज्य में अभी सरकार ब्यूरोक्रेसी के हवाले है, पुरानी सरकार की शक्तियां अब समाप्त हो चुकी है और नई सरकार ने अभी सत्ता नहीं संभाली है. इस बीच ब्यूरोक्रेसी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में  सहायक प्रोफेसर (Assistant Professor) के 72 पदों पर जिस भर्ती को विवादित मानते हुए निर्वतमान कांग्रेस सरकार ने रोक लगा दी थी, उसी भर्ती प्रक्रिया को अब विश्वविद्यालय प्रशासन गुपचुप तरीके से नई सरकार का बनने होने से पहले परिणाम जारी करने की तैयारी कर रहा है. विश्वविद्यालय के सूत्रों के मुताबिक नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले ही अभ्यर्थियों की भर्ती की तैयारी चल रही है.

गौरतलब है कि राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर, को 'राजूवास यूनिवर्सिटी' के नाम से जाना जाता है, बीते कई महीनों से विवादों में है.

राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय प्रशासन ने जुलाई 2022 में भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें गड़बड़ियों के चलते जून 2023 में यह भर्ती कैंसिल कर दी गई थी. फिर इसके बाद 7 जुलाई 2023 से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुरानी गलतियों में सुधार किए बगैर ही नए सिरे से आवेदन स्वीकार कर इंटरव्यू कर लिए हैं.

दूसरी बार हो रही भर्ती पर 12 सितंबर को राज्यपाल कलराज मिश्र के प्रमुख सचिव ने रोक लगा दी थी. इसी सिलसिले में पशुपालन विभाग ने भी 26 सितंबर को आदेश जारी कर जारी की गई भर्ती रोक दी थी.

राज्यपाल के सचिव ने रोकी भर्ती

1. राजभवन ने 12 सितंबर 2023 को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई

2. राजस्थान हाईकोर्ट के एक आदेश और शिकायत के आधार पर भर्ती प्रकिया पर रोक लगाई

3. इसी आदेश के आधार पर 26 सितंबर को पशुपालन विभाग ने आदेश जारी किए

4. विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिख नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाई

5. इस आधार पर पशुपालन विभाग ने एक जांच कमेटी बनाई

6. पशुपालन सचिव विकास भाले ने 6 अक्टूबर को आदेश निकाले

7. भर्ती में अनियमितताओं की जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी गठित की गई

8. इससे पहले कि कमेटी रिपोर्ट देती, राजभवन ने 14 अक्टूबर को फिर पत्र लिखा

9. पशुपालन प्रमुख सचिव को पत्र लिख 4 सदस्यीय जांच कमेटी भंग की गई

सहायक आचार्य के पदों पर रोक जारी रहेगी

राजभवन ने अब 29 नवंबर को नया आदेश जारी किया हैं. आदेश में कहा गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी भर्ती प्रक्रिया को पूरी कर सकता है. इससे पहले 12 सितंबर को लगाई गई रोक को भी हटा दिया गया है. केवल वेटरनरी एनाटॉमी के सहायक आचार्य के पदों पर रोक अभी भी जारी रहेगी.

 राजभवन ने राज्य सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही कमेटी काे भंग कर दिया था.

जानिए कैसे पता चला कि गड़बड़ी कहां है

1. पहली बार हुई भर्ती में 4 अप्रैल 2023 को कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी थी 

2. उसमें तीन बड़ी गड़बड़ियां कमेटी ने स्वीकार की थी

3. लास्ट डेट के बाद मार्क्स बढ़ाने, असिस्टेंट लाइब्रेरियन को शैक्षणिक वर्ग में जोड़ने और

4. रोस्टर पंजिका में जांच कमेटी ने बड़ी गड़बड़ी मानी थी

5. 7 जुलाई 2023 से फिर एक बार भर्ती शुरू हुई तो रोस्टर में सुधार नहीं किया गया

6. विश्वविद्यालय प्रशासन पशुपालन डिप्लोमा संस्थानों को मान्यता भी दे चुका था

7. इस हेतु पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा

8. राज्य सरकार की बगैर NOC यूनिवर्सिटी ने मान्यता दी, जो पूरी तरह गलत

9. कटारिया ने कुलपति सतीश गर्ग के खिलाफ जांच और कार्रवाई के लिए लिखा था

आपको बता दें कि राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां दो पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हैं. पशुधन को बचाने और पशु चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए बीकानेर के बाद जोबनेर में राज्य का दूसरा पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय है.

चल रही है नियुक्ति देने की तैयारी 

राजभवन ने 29 नवंबर के आदेश में कहा था कि विश्वविद्यालय प्रशासन भर्ती प्रक्रिया को पूरी कर सकता है. इसमें निर्वाचन विभाग से परामर्श लेने की बात कही गई है. प्रदेश में आचार संहिता सोमवार को हट चुकी है. अब परामर्श लेने की जरूरत नहीं रही है. सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन अगले एक-दो दिन में बैठक बुलाकर लिफाफे खोलकर नियुक्ति देने की तैयारी कर रहा है. जिससे नई सरकार के आने से पहले ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने की संभावना है.

राज्य में दो पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय

पिछली सरकार ने जोबनेर में पशु विज्ञान विश्वविद्यालय खोला था. इससे पहले बीकानेर में भी पशु विज्ञान विश्वविद्यालय चल रहा था. अब जोबनेर में भी पशु विज्ञान विश्वविद्यालय होने से पूर्वी राजस्थान और शेखावाटी क्षेत्र के बच्चों को घर से नजदीक ही पशु चिकित्सा और विज्ञान की पढ़ाई मिल सकेगी.

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