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  • ब्लॉग राइटर

    ब्लॉग राइटर

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    खुद हिन्दी पढ़ें, बच्चों को देखने दें - बस, सुधर जाएगी हिन्दी की हालत...

    भले ही दकियानूस कहा जाऊं, किताबों की जिल्द की अनूठी-सी गंध आज भी पढ़ने का शौक ज़िन्दा रखे हुए है... सो, सभी पढ़ने वालों से सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं, खुद भी कुछ न कुछ पढ़ें, पढ़ने की आदत डालें, और अपने बच्चों को भी देखने दें, आप कर क्या रहे हैं, क्योंकि आज भी हिन्दुस्तानी बच्चे आमतौर पर वही करते हैं, जैसा माता-पिता को करते देखते हैं...

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    ...नहीं दूंगा कार की चाबी, क्योंकि मुझे प्यार है अपने बेटे से...

    आज मैं आप सभी से, हमारे समाज से, और खुद से भी, वादा करता हूं कि जब तक मेरा बेटा बालिग़ न हो जाएगा, वह मेरी कार को हाथ भी नहीं लगा पाएगा... मैं अपने बेटे को कभी किसी की ज़िन्दगी खतरे में नहीं डालने दूंगा... मैं उसे ऐसा मौका कभी नहीं दूंगा कि वह ख़ुद ही मुझसे कहीं दूर चला जाए, क्योंकि मैं अपने बेटे से बहुत प्यार करता हूं... आप भी करते हैं न...?

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