राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर को सोमवार से गुरुवार तक लगातार 4 दिन बम से उड़ाने की धमकी मिली. इसके बाद हाईकोर्ट में पुलिस के उच्च अधिकारियों ने बैठक की. लगातार मिल रही धमकियों के बीच कोर्ट में गुरुवार को मतदान हुए. इस दौरान भी बम की धमकी मिलने से अफरा तफरी का माहौल रहा. वकीलों ने कहा कि इससे कोर्ट का कामकाज प्रभावित होता है. एडवोकेट आनंद शर्मा ने बताया कि कोर्ट में अहम सुनवाइयां होती है. इस तरह से मिल रही बम की धमकियों से कोर्ट की कार्रवाई प्रभावित होती है. ऐसे महत्वपूर्ण फैसले जिसे लोगों के जीवन प्रभावित होना होता है उनके फैसले नहीं हो पाते.
तमिलनाडु DGP को भी गया था मेल
बम ईमेल की धमकी की जांच में पता चला कि 4 दिन तक राजस्थान हाई कोर्ट में जो ईमेल मिला. इस ईमेल आईडी से तमिलनाडु डीजीपी के आधिकारिक ईमेल पर भी मेल किया गया. सूत्रों के मुताबिक, यह मेल saina_ramesh@ outlook.com से आया. धमकी देने वाले ने मेल में लिखा, "द डे वी हैव बीन वेटिंग फॉर. 4 आरडीएक्स आईईडी जयपुर हाईकोर्ट और इंटरकॉन्टिनेंटल होटल जयपुर में लगाए हैं. लोगों को 2 बजे से पहले वहां से हटा लें."
मेल में लिखा गया कि तमिलनाडु के नए डीजीपी अभय सिंह, जाफर सईद आईपीएस आईजी पाकिस्तान, निवेथा पेथुराज-उधयनिधि अफेयर से जुड़े वीडियो आईएसआई के पास है. आईएसआई सेल डीएमके के साथ मिलकर यह ऑपरेशन चलाने की कोशिश कर रहा है. मेल के मुताबिक इस ऑपरेशन का मकसद 2026 के चुनाव में माइनॉरिटी वोटो का ध्रुवीकरण करना है.
लिट्टे की इंटेलिजेंस विंग को भेजने के लिए भी जिक्र
सूत्रों के मुताबिक, मेल में तमिलनाडु में 2026 में होने वाले चुनाव में आईएसआई के शामिल होने की बात कही गई है. साथ ही, अभिनेता अजित कुमार और नाम तमिलर पार्टी प्रमुख सीमान के निवास की सुरक्षा में खामी बताई गई है. इसी का हवाला देते हुए इस मेल को लिट्टे - टोसिस रामनाथपुरम (तमिल टाइगर्स इंटेलिजेंस विंग) लिट्टे की इंटेलिजेंस विंग को भेजने के लिए भी जिक्र किया.
हाईकोर्ट की कार्यवाही हुई प्रभावित
31 अक्टूबर और 5 दिसंबर को भी हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमक मिली. बम थ्रेट से कोर्ट की कार्यवाही के रोज 4 से 5 घंटे प्रभावित हुए. हाई कोर्ट थाना प्रभारी सुमेर सिंह ने बताया कि यह एक चुनौती पूर्ण कार्य रहता है कि कोर्ट की कार्रवाई चलते वक्त जब लगातार बम की धमकियां मिलती हैं. सबसे पहले न्यायालय को खाली करवाना पड़ता है. इसके में हमें सर्च ऑपरेशन चलाना पड़ता है.
दिल्ली क्राइम यूनिट की मदद ली जा रही
पुलिस अब केंद्रीय जांच एजेंसी के साथ मिलकर मेल कहां से आ रहा है, इस बात की जांच कर रही है. ईमेल भेजने वाले की लोकेशन और सर्वर को ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है. जांच के लिए एनआईए, रॉ, साइबर क्राइम यूनिट दिल्ली की मदद ली जा रही है.
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