आज बात करना चाहता हूं, हम लोगो की हॉबीज़ के बारे में... किसी को घूमना-फिरना पसंद है, किसी को घर पर बैठे रहना... किसी को लिखने-पढ़ने का शौक होता है, किसी को खेलने-कूदने का... किसी को टीवी देखना पसंद होता है, किसी को गीत सुनते या गुनगुनाते रहना... किसी को खामोश बैठकर सोचने का शौक होता है, किसी को सिर्फ़ बतियाते रहने का...
लेक्चर नहीं दे रहा हूं, लेकिन मुझे तो अपने माता-पिता, पत्नी और बच्चे बहुत याद आते हैं... हमेशा यही चिंता बनी रहती है कि अगर मुझे कुछ भी हो गया तो मेरे बाद उनका क्या होगा... लेकिन फिर तुरंत ही यह ख़याल भी आता है कि बीवी-बच्चों और मां-बाप से प्यार तो सभी को होता है, फिर ये लोग लापरवाही क्यों करते हैं - जवाब नहीं मिलता...
पत्नी ने नया तर्क दिया - जल्दबाज़ी से कार या बाइक भगाने वाले अक्सर वे बच्चे होते हैं, जो किशोरावस्था में पहुंचे ही हैं, और संभवतः उम्र कम होने की वजह से ज़िन्दगी को संजीदगी से लेना जानते ही नहीं हैं, सो, तेज़ रफ़्तार में थ्रिल महसूस करते होंगे...