Gautam Adani: पूरा देश 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना रहा है. इस मौके पर अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित जय हिंद कॉलेज में अपना संबोधन दिया. आयोजित कार्यक्रम का थीम था "Breaking Boundaries: The Power of Passion and Unconventional Paths to Success". गौतम अदाणी ने अपने संबोधन में इसी थीम पर अपने शब्द कहे. जिसमें कारोबार और चुनौती को लेकर कई बातें कही. उन्होंने बताया कि 19 साल की उम्र में बड़े भाई के साथ कारोबार करना शुरू किया और तभी उन्होंने भारत में कारोबार की चुनौती को समझ गए थे.
भारत करेगा डिजिटल का नेतृत्व
गौतम अदाणी ने कहा भारत डिजिटल क्षेत्र में काफी आगे बढ़ चुका है. उन्होंने पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया की सराहना करते हुए कहा, दुनिया को हमारे डिजिटल स्ट्रक्चर से जलन की भावना हो सकती है. क्योंकि आगे भविष्य डिजिटल का है और इसका नेतृत्व भारत के हाथ में है.
अहमदाबाद छोड़ क्यों गए मुंबई
गौतम अदाणी ने कहा, मैंने 16 साल की उम्र में पहली बार बाउंड्री तोड़ी थी, जब अहमदाबाद में पढ़ाई छोड़कर मैं मुंबई आ गया. इस बारे में काफी लोग पूछते हैं कि आखिर मैं अहमदाबाद छोड़ मुंबई क्यों आ गया.
बड़ी बाउंड्री तोड़ने से ही प्रतियोगिता होगी कम
गौतम अदाणी ने कहा, आप जो सपना देखते हैं उसी सपने को साकार करना चाहते हैं. ऐसे में जितनी बड़ी बाउंड्री आप तोड़ेंगे, प्रतियोगिता उतनी ही कम होती जाती है. उन्होंने कहा, मौजूदा परिस्थितियों की आलोचना करना आसान है, लेकिन इसे सुधारना उतना ही कठिन है. लेकिन जो इन कठिनाइयों को पार करता है कामयाबी उसे ही मिलती है.
खराब दौर में हमने किया अच्छा कारोबार
गौतम अदाणी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के मामले पर कहा कि जब वित्तीय हमले हुए तब हमने अपना जज्बा दिखाया. यह दोतरफा वार था जिसका मकसद था कि हमें ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सके. लेकिन इसी खराब दौर में हमने अच्छा कारोबार किया. हमने जो रिकॉर्ड बनाया वह हमारी क्षमता का संकेत साबित हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने भी हमारे कदमों को सराहा.