
Gravel mining in Chambal in Dholpur: राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में अवैध खनन बड़ी समस्या बन गया है. खनन माफियाओं ने प्रदेश की धरोहर और पर्यावरण को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है. वहीं, मध्य प्रदेश और राजस्थान सीमा से गुजर रही चंबल नदी छलनी होती जा रही है. धौलपुर जिले में सीमावर्ती इलाके में बजरी माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से परिवहन किया जा रहा है. इसके चलते घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन और अन्य जलीय जीवों पर संकट देखा जा रहा है. सरमथुरा क्षेत्र से लेकर राजाखेड़ा क्षेत्र तक का इलाका चंबल नदी से जुड़ता है. अब जब धौलपुर में बजरी माफियाओं पर सख्ती हो गई है तो माफिया यहां से भाग गए हैं और उनका मध्य प्रदेश की तरफ पलायन कर गए हैं.
बेलगाम होती बजरी माफियाओं की रफ्तार, हादसे भी बढ़ें
सैकड़ों की तादाद में ट्रैक्टर, ट्रॉली और बुलडोजर मशीन चंबल में बजरी भरने का काम कर रहे हैं. आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर बजरी माफियाओं की लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. दिन हो या रात बजरी माफिया बेलगाम होकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं. बजरी माफियाओं की रफ्तार से लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. बावजूद इसके सिस्टम इन पर लगाम लगा पाने में नाकाम है.
धौलपुर में लगा अंकुश
सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित चंबल बजरी पर अंकुश लगाने में धौलपुर पुलिस की बड़ी भूमिका रही है. बजरी माफियाओं की रोकथाम के लिए धौलपुर जिले में जगह-जगह नाकाबंदी पॉइंट निर्धारित किए गए. माफियाओं की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाए गए. इस दौरान कई बार पुलिस और बजरी माफिया में मुठभेड़ की भी नौबत आई. आखिर में पुलिस की सख्ती की वजह से बजरी माफिया धौलपुर जिले से पलायन करने पर मजबूर हो गए.