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यूपी-उत्तराखंड का शातिर गैंग राजस्थान में पकड़ा गया, ट्रेन में करता था महिला यात्रियों का सामान चोरी

राजस्थान के जोधपुर जिले की जीआरपी थाने की टीम को बहुत बड़ी सफलता मिली है. टीम ने बहुत समय से सक्रिय ट्रेन में महिला यात्रियों के गहने चोरी करने वाली गैंग को पकड़ लिया है. टीम ने गैंग के 8 लोगों को गिरफ्तार किया है.

यूपी-उत्तराखंड का शातिर गैंग राजस्थान में पकड़ा गया, ट्रेन में करता था महिला यात्रियों का सामान चोरी
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर जिले की जीआरपी थाने की टीम को बहुत बड़ी सफलता मिली है. टीम ने बहुत समय से सक्रिय ट्रेन में महिला यात्रियों के गहने चोरी करने वाली गैंग को पकड़ लिया है. पुलिस ने उत्तरप्रदेश और उत्तराखण्ड की शातिर गैंग के मुखिया सहित 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. यह जनरल कोच में ट्रेन में सफर करते थे और साथ में एक कोच में बैठते जब महिला यात्री ट्रेन में चढ़ती तो टीम का एक सदस्य खड़ा होकर महिला को बैठने की जगह दे देता.

इसके बाद बाकी सदस्य महिला को बातों में उलझा कर उसका सामान चैक कर उसमें से कीमती सामान निकाल कर अगले स्टेशन पर उतर जाते. यात्री को तुरंत पता नहीं लगता जब वह अपने घर जाकर बैग खोलते तब ही चोरी की जानकारी मिलती. तब तक गैंग अपने राज्य पहुंच कर चोरी का माल बांट लेती थी.

पुलिस ने 8 लोगों को किया गिरफ्तार

रेलवे पुलिस ने बताया कि गत 11 दिसंबर को पाली के सोजत रोड निवासी कंचन देवी पत्नी पुखराज पालीवाल का यात्रा के दौरान कीमती सामान चोरी होने पर उसने जीआरपी थाने में 13 दिसंबर को मामला दर्ज करवाया. इस पर जीआरपी ने कैमरे खंगाल कर सूचना इकट्‌ठा कर गैंग के मुखिया सहित 8 सदस्य को गिरफ्तार किया है. इस कार्रवाई में पुलिस ने मारुफ अली, गम्भीर सिंह चौधरी, इकबाल अहमद अंसारी, नौशाद, शरीफ रहमान, वसीम अहमद खान, महावीरसिंह, अनिल कुमार को गिरफ्तार किया है.

इस तरह देते वारदात को अंजाम

गैंग के सभी 8-9 सदस्य ट्रेन के एक केबिन में पहले से ही सीटे रोककर बैठ जाते थे. इसके बाद कोच में कोई महिला यात्री आती तो गैंग का एक सदस्य अपनी सीट से उठ कर उस महिला यात्री को सीट दे देता था, बाकी वाले महिला के पास में ही अपनी सीट पर बैठे रहते थे. महिला यात्री का सामान सीट के नीचे की तरफ रखवा देते है और मौका पाकर महिला यात्री के सामान को चोरी-छिपे गैंग के अन्य सदस्य अन्तिम सीट पर बैठे गैंग के मुखिया (मास्टर) की ओर खिसका देते थे. 

इस वारदात में गैंग का मास्टर हमेशा खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा रहता था. गैंग का मास्टर बैग की तलाशी लेता था और अन्य सदस्य महिला को बातों में उलझा कर रखते थे. इसके बाद वह बैग में सोने के जेवरात निकालकर चोरी-छिपे बैग का वापस जहां था वहीं रख देते थे. जिससे महिला यात्री को शक नहीं होता था. चोरी की वारदात होते ही गैंग के सभी सदस्य अगले रेल्वे स्टेशन पर उतर जाते थे और अपने गृह प्रदेश जाकर आपस में चोरी किए माल का बंटवारा कर लेते थे. इनके विरूद्ध पूर्व में भी कई चोरी के मामले दर्ज है.

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