
Rajasthan News: राजस्थान कि राजधानी जयपुर में कर चोरी का एक बढ़ा मामला सामने आया है. जहां वाणिज्य कर विभाग ने कर चोरी करने वालों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की है. प्रवर्तन शाखा तृतीय की टीम ने 2 मई 2025 को जयपुर में 43.29 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों के जरिए 7.79 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया. इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई फर्जी फर्मों के जरिए कर चोरी के नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
जांच में सामने आया कि आरोपी ने गैर-मौजूद फर्मों के नाम पर फर्जी बिल बनाए. इन बिलों के जरिए उसने ITC का गलत फायदा उठाकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया. विभाग की सतर्कता और सटीक रणनीति से इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ. अब विभाग ने अन्य संदिग्धों पर नजर रखते हुए जांच को और तेज कर दिया है.

पुलिस कि गिरफ्त में आरोपी.
जानें किसने निभाई अहम भूमिका
इस कार्रवाई को मुख्य आयुक्त कुमार पाल गौतम और विशिष्ट आयुक्त जयदेव सी.एस. के मार्गदर्शन में अंजाम दिया गया. अतिरिक्त आयुक्त शिशुपाल सिंह के पर्यवेक्षण में डिप्टी कमिश्नर राकेश गढ़वाल ने ऑपरेशन की कमान संभाली. सहायक आयुक्त विनय मिश्रा ने अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता से इस कार्रवाई को सफल बनाया. विनय मिश्रा की इस उपलब्धि से विभाग को बड़ी कामयाबी मिली है.
कार्रवाई में आगे क्या होगा
वाणिज्य कर विभाग अब ऐसे और गिरोहों पर नकेल कसने की तैयारी में है. अधिकारियों का कहना है कि कर चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी. इस कार्रवाई से सरकार को टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी और ईमानदार करदाताओं का भरोसा बढ़ेगा.
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