Share Market: शेयर मार्केट के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. आरोपी इतने शातिर हैं कि इन्होंने पास हजारों करोड़ रुपए होने के बाद भी अपने पैतृक गांवों में साधारण तरीके से रहते थे. ताकि आमजन को शक ना हो. जब पुलिस में मामला दर्ज हुआ और आरोपी पकड़े गए तो गांव वाले भी सुनकर रह हैरान रह गए. ठगी के मामले में आरोपी लाजपत आर्य, उसका बेटा दीपक आर्य और अजय आर्य को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी श्रीगंगानगर में अम्बिका सिटी में किराए के मकान में रहते हैं. उनका पैतृक गांव भी जिला मुख्यालय से महज 10 किमी दूर हिंदुमलकोट सड़क मार्ग पर स्थित है.
कभी 2 वक्त की रोटी का था संकट, आज ठगों ने बना ली कई संपत्ति
गांव वालों को हैरानी इसलिए भी हुई, क्योंकि इनके पास कभी 2 वक्त की रोटी का भी संकट था. ना इनके पास खुद की जमीन थी और ना ही व्यवसाय. लेकिन ठगी के नेटवर्क से इन्होंने अरबों की संपत्ति बना ली. इस गिरोह के बदमाशों की संपत्तियां जयपुर समेत पूरे राज्य में हैं.
डॉक्टर को रास आने लगा ठगी का धंधा
ग्रामीणों ने बताया कि आज से कई वर्ष पहले आरोपी लाजपत आर्य गांव कालिया में डॉक्टर की प्रैक्टिस करता था. लेकिन उसने धीरे-धीरे यह काम छोड़ दिया और अपने घर में रहने लगा. इसके बाद आरोपी के बेटे अजय ओर दीपक भी जब गांव में आते तो मंहगी और लग्जरी गाड़ियां लेकर आते. आरोपी गांव में बिल्कुल शांत तरीके से रहते, ताकि आसपास रहने वाले लोगों को इनके इस ठगी के धंधे का पता ना चले.
पहले भी कई मामलों में हो चुके हैं राजीनामे
पुलिस को आरोपियों के घर से 6 स्मार्टफोन, 10 लाख रुपए नगद और 3 लग्जरी गाड़ियों के दस्तावेज भी मिले हैं. इसके साथ ही पूर्व में दर्ज कई मामलों के राजीनामे के स्टाम्प भी बरामद हुए. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने राज उगल दिए. प्रोबेशनर आईपीएस बी आदित्य ने बताया कि आरोपियों की सम्पतियों के बारे में जानकारी जुटाकर इन सम्पतियों को कोर्ट के माध्यम से नीलामी करवाकर परिवादियों को राहत देने काम किया जाएगा.
लेकिन इस पूरे मामले के तार 0मास्टरमाइंड आरोपी सौरभ चावला और सलोनी से जुड़े हैं. जब आरोपियों के बारे में पड़ताल की गई तो वहां ताला लगा हुआ था. पता चला कि पिछले कई सालों से यहां कोई मौजूद नहीं है.
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